गोरखपुर के आर्यन हॉस्पिटल में हंगामा
बस्ती :- उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के वाणिज्य कर विभाग के वरिष्ठ सहायक की कोरोना संक्रमण से बुधवार को आर्यन हॉस्पिटल में मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही बरतने व शव देने के बदले 88 हजार रुपये मांगने का आरोप लगाकर हंगामा किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को किसी तरह शांत कराया। परिजनों ने कैंट थाने में तहरीर दी है। उधर, अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
जानकारी के मुताबिक, कौड़ीराम क्षेत्र के चंवरिया बुजुर्ग निवासी व वाणिज्य कर विभाग के वरिष्ठ सहायक जीत बहादुर (35) ने निजी लैब में नौ अगस्त को कोरोना की जांच कराई थी। रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो वह दाउदपुर स्थित आर्यन हॉस्पिटल में भर्ती हो गए। बुधवार को जीत बहादुर की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। उनके बड़े भाई नंद कुमार का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन इलाज के नाम पर प्रतिदिन 25 हजार रुपये ले रहा था, लेकिन इलाज डाक्टर के बजाय सहायक कर रहे थे। उनका आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से उनके भाई की मौत हो गई। हद तो तब हो गई जब अस्पताल प्रबंधन की ओर से शव देने के बदले 88 हजार रुपये की मांग की गई।
नंद कुमार ने कैंट थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने शव दिया। इस घटना पर वाणिज्य कर कर्मियों ने कड़ी नाराजगी जताई। कई कर्मचारी अस्पताल तो कुछ थाने में पहुंचकर विरोध जताया।
आर्यन हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि मरीज की स्थिति बेहद गंभीर थी। ऑक्सीजन लेवल कम हो गया था। इस वजह से फेफड़े सफेद हो चुके थे। शुगर लेवल अनियंत्रित था। इस कारण मरीज की मौत हुई है। लापरवाही की बात निराधार है। परिजन इलाज के रुपये नहीं देना चाहते थे, इसलिए आरोप लगा रहे हैं, जो कि बेबुनियाद है।
इंस्पेक्टर कैंट मनोज राय ने बताया कि आर्यन अस्पताल में विवाद से संबंधित तहरीर मिली है। मामले की जांच करके आगे की कार्रवाई की जाएगी।