उत्पीड़न, मनमानी, टेण्डर प्रक्रिया रिकवरी पर भड़के ठेकेदार बनाई आन्दोलन की रणनीति
बस्ती :- ठेकेदार एसोसिएशन लोक निर्माण विभाग की बैठक गुरूवार को अध्यक्ष अमर सिंह उर्फ जय नारायण सिंह की अध्यक्षता में अधिशासी अभियन्ता प्रान्तीय खण्ड लो.नि.वि. के परिसर में सम्पन्न हुई। बैठक में ठेकेदारों की समस्याओं पर विचार करने के साथ ही निर्णय लिया गया कि यदि मनमानी बंद न हुई तो ठेकेदार हक के लिये संघर्ष करने को बाध्य होंगे।
बैठक को सम्बोधित करते हुये महामंत्री गोविन्दनाथ पाण्डेय ने कहा कि जांच के नाम पर लोक निर्माण विभाग के 42 ठेकेदारों का जानबूझकर लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। विभागीय नियमानुसार कार्य करने के बावजूद ठेकेदारों से धन के रिकवरी का कोई औचित्य नही है। सड़कों के जांच प्रक्रिया में ठेकेदारों या एसोसिएशन पदाधिकारियों का पक्ष शामिल नहीं किया गया। ठेकेदार निर्दोष हैं और उनसे रिकवरी की प्रक्रिया निरस्त कराया जाय। यदि जबरिया कार्रवाई बंद न हुई तो एसोसिएशन सक्षम न्यायालय में जाने को बाध्य होगा। बताया कि अधिशासी अभियन्ता प्रान्तीय खण्ड लो.नि.वि. से मुद्दों पर विस्तार से वार्ता हुई है।
ठेकेदार एसोसिएशन की बैठक में टी-1 एवं टी-2 प्रक्रिया पर चर्चा हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि इसे हथियार बनाकर टेण्डर लिपिक एवं अधिकारी चहेते ठेकेदारों को लाभान्वित कराने के साथ ही अन्य ठेकेदारों को मनमाने तरीके से अपात्र घोषित कर रहे हैं, इसे बंद कराया जाय। जरूरत पड़ी तो एसोसिएशन शासन से मांग करेगा कि इसकी सघन जांच करा लिया जाय।
बैठक में तारकोल की मात्रा कम दिये जाने, निविदाओं को निर्धारित समय पर खोले जाने, फाइनेन्सियल बिड समय पर खोले जाने, प्रहरी एप में टी-1 एवं टी-2 प्रक्रिया में सुधार किये जाने, शेष की कटौती ठेकेदार को देकर काटे जाने, रायल्टी खनन विभाग से सीधे लिये जाने, विभिन्न सामग्रियों की दर बाजार मूल्य पर निर्धारित किये जाने, जीएसटी का शेष 8 प्रतिशत वापस किये जाने आदि मांगोें पर विचार किया गया।
ठेकेदार एसोसिएशन की बैठक में मुख्य रूप से रविन्द्र मिश्र, संजय श्रीवास्तव, अरूण मिश्र, भूनेश सिंह, अशोक सिंह, नरेन्द्र सिंह, ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ‘ज्ञानू’ जयन्त्री सिंह, वीरेन्द्र श्रीवास्तव, रामचन्दर सिंह, परशुराम सिंह ओम प्रकाश पाण्डेय, मो. युसुफ उर्फ कल्लन, रिकूं पाल, अजमतुल्लाह, के.वी. दीक्षित, राकेश पाण्डेय, घनश्याम गुप्ता, शिवानन्द शुक्ल, आलोक यादव, विनय तिवारी, यशवन्त सिंह, सुरेश चौधरी, संतराम चौधरी, राघव राम यादव, प्रेम सागर गुप्ता, गुड्डू पाण्डेय, वीरेन्द्र सिंह, बब्लू पाण्डेय, अर्जुन सिंह, उमेश तिवारी, राघवेन्द्र मिश्रा के साथ ही एसोसिएशन पदाधिकारी एवं अनेक ठेकेदार शामिल रहे।