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किसानों के समर्थन में उतरे बिजली विभाग के अभियंता

बस्ती :-  कृषि कानूनों और इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 की वापसी की मांग के लिए आंदोलन कर रहे किसानों को उप्र के बिजली इंजीनियरों ने समर्थन दिया है। प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर जिले के अभियंता भी किसानों के विरोध-प्रदर्शन में साथ देंगे।

अभियंताओं ने कहा है कि कृषि कानून व और इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 निरस्त किया जाए। आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के आह्वान पर बिजली अभियंताओं का संगठन उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ अब किसानों के साथ खड़ा रहेगा। सात दिनों से संघर्षरत किसानों को समर्थन देने की घोषणा की है। संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह व महासचिव प्रभात सिंह ने कहा है कि बिल 2020 का ड्राफ्ट जारी होते ही यूपी सहित देश के बिजली इंजीनियरों ने इसका पुरजोर विरोध किया था। बिल में इस बात का प्रावधान है कि किसानों को बिजली टैरिफ में मिल रही सब्सिडी समाप्त कर दी जाए और बिजली की लागत से कम मूल्य पर किसानों सहित किसी भी उपभोक्ता को बिजली न दी जाए। सरकार चाहे तो डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिये किसानों को सब्सिडी दे सकती है कितु इसके पहले किसानों को बिजली बिल का पूरा भुगतान करना पड़ेगा जो सभी किसानों के लिए संभव नहीं होगा। किसान संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर चल रहे आंदोलन में कृषि कानूनों की वापसी के साथ किसानों की यह एक प्रमुख मांग है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 वापस लिया जाए। किसानों का मानना है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के जरिये बिजली का निजीकरण करने की योजना है। संयोजक अशर्फी लाल ने कहा कि किसानों के आंदोलन में विभाग के अभियंता साथ खड़े रहेंगे।

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