पत्रकार अर्णव की गिरफ्तारी लोकतंत्र की हत्या,अघोषित आपातकाल है – हरीश द्विवेदी (राष्ट्रीय मंत्री, बीजेपी)
बस्ती :- भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री एवं सांसद हरीश द्विवेदी ने महाराष्ट्र में वरिष्ठ पत्रकार अर्णव गोस्वामी की गिरफ्तारी पर कड़ी निंदा प्रकट किया। गोस्वामी पर महाराष्ट्र पुलिस की बर्बरता प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।
राष्ट्रीय मंत्री हरीश द्विवेदी ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार अर्णव गोस्वामी की गिरफ्तारी गंभीर रूप से निंदनीय अनुचित और चिंताजनक है। कहा कि अर्णव की गिरफ्तारी भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन है। उन्होंने कहा कि गोस्वामी को तुरंत रिहा करके महाराष्ट्र में प्रेस की स्वतंत्रता को बनाए रखा जाना चाहिए।
सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा कि महाराष्ट्र की उद्धव सरकार अपनी नाकामियों को उजागर करने वाले लोगों के प्रति बदले की भावना से उनका उत्पीड़न कर रही है। भारतीय जनता पार्टी उनके इस मंसूबे को कामयाब नहीं होने देगी। भारतीय लोकतंत्र के चौथे स्तंभ प्रेस प्रतिनिधि, सच की बुलंद आवाज अर्णव को गिरफ्तार करना अलोकतांत्रिक,अघोषित आपातकाल है।
जनसंघ ने 1975 के आपातकाल का विरोध करते हुए प्रेस की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी। सोनिया गांधी के इशारे पर उद्धव ठाकरे सरकार के द्वारा लिया गया यह निर्णय तानाशाही की पराकाष्ठा है।
हम आपको बताते चले कि महाराष्ट्र पुलिस के निशाने पर काफी समय से अर्णब गोस्वामी थे।जिस मामले में गिरफ्तार किया गया है वह 2018 के एक आत्महत्या से जुड़ा हुआ है।
2018 में एक आर्किटेक्ट और उनकी मां ने कथित तौर पर गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी द्वारा उनके बकाए का भुगतान ना किए जाने के कारण आत्महत्या कर ली थी। एक साल पहले मई में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने आर्किटेक्ट अन्वय नाइक की बेटी अदन्या नाइक की नई शिकायत के आधार पर फिर से जांच का आदेश दिए जाने की घोषणा की थी।