भेदभाव को दूर कर समरसता लाने का पर्व है मकर संक्रांति- सुभाष जी

भेदभाव को दूर कर समरसता लाने का पर्व है मकर संक्रांति- सुभाष जी
बस्ती 14 जनवरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने शनिवार को शिव मंदिर रघुवंशपुरी, निकट कैली रोड पर मकर संक्रांति उत्सव मनाया।
मुख्य अतिथि का स्वागत अंगवस्त्र और श्रीमदभागवतगीता देकर किया गया। मंचासीन गोरक्ष प्रान्त के प्रान्त प्रचारक सुभाष जी नगर संघचालक सुधीर अग्रवाल जी, कार्यक्रम के अध्यक्ष अशोक मिश्र रहे।
मुख्य अतिथि गोरक्ष प्रान्त के प्रान्त प्रचारक सुभाष जी ने भारत माता, केशवराव बलिराम हेडगेवार व माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इसके बाद ध्वजारोहण व एकल गीत हुआ।
मुख्य अतिथि ने बताया कि समाज से छुआछूत और रूढ़ियों को समाप्त कर समरसता एवं स्वाभिमान जगाने का पर्व है मकर संक्रांति। यह पर्व अपने अंदर चेतना जगाने और भारत को पुनः परम वैभव बनाने का संकल्प लेने का है। विभिन्न जातियों में बंटे हिन्दू समाज को एकजुट होने की आवश्यकता है। कहा कि जब तक हिन्दू समाज संगठित नहीं होगा, भारत माता के अस्तित्व पर खतरे के बादल मंडराते रहेंगे।
कहा कि डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने समाज में जिन गुणों की आवश्यकता का अनुभव किया उन्हीं के अनुरूप उत्सवों की योजना की। प्रत्येक उत्सव किसी विशेष गुण की ओर इंगित करता है। मकर संक्रांति को ही स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था। बताया कि मकर संक्रांति का उत्सव कई देशों में मनाया जाता है। कहीं इसे संक्रान्ति कहीं पोंगल के नाम से जाना जाता है।
संघ प्रार्थना के पश्चात अंत में हजारों स्वयं सेवकों व समाज के व्यक्तियों ने साथ बैठकर स्वादिष्ट खिचड़ी खाकर सामाजिक समरसता का परिचय दिया।

