मिक्सोपैथ का विरोध चिकित्सा पद्धति का अपमान-डा. वी.के. वर्मा
बस्ती :- आयुष चिकित्सकों की बैठक रविवार को आयुष मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन जिलाध्यक्ष जिलाध्यक्ष डा. वी.के. वर्मा की अध्यक्षता में पटेल एसएमएच हास्पिटल एण्ड पैरामेडिकल कालेज गोटवा में सम्पन्न हुई।
बैठक में डा. वी.के. वर्मा ने मिक्सोपैथ के विरोध में आईएमए के आंदोलन पर आश्चर्य व्यक्त करते हुये कहा कि निर्णय से गरीबों को आपरेशन में लाभ होगा। कहा कि यदि कुछ लोगों को सरकार के फैसले से पीडा हो तो विरोध सरकार का होना चाहिए न कि चिकित्सा पद्धति या आयुष चिकित्सकों की। केवल चिकित्सा क्षेत्र में एकाधिकार एवं अपने पेशेवर हितों को साधने के लिए एलोपैथ चिकित्सकों का संगठन आईएमए झूठा व भ्रामक प्रचार कर रहा है। यह लोग ईमानदारी से मरीजों की चिकित्सा नहीं करते। चारों तरफ कमीशन भ्रष्टाचार और शोषण से जनता त्रस्त है। चिकित्सकों का काम सेवा भावना है लेकिन हर तरफ आज चिकित्सा जगत में लूट मची है जांच और सर्जरी के नाम पर लूट किसी से छुपा नहीं है।
डॉ0 वी के वर्मा ने चिकित्सकों से अनुरोध किया कि वे जनता को उचित दर पर सेवा भावना, कमीशन खोरी, विशेष रूप से जांच के नाम पर भ्रष्टाचार को समाप्त करवाएं और जनता को सस्ती सुलभ का लाभ दें। चिकित्सक अपनी ड्यूटी जहां नियुक्त होता है वहॉं ईमानदारी से करें। चिकित्सक भगवान का रूप होता है उसके अनुरूप काम करें। डॉ0 वी के वर्मा ने कहा कि यह सरकार का निर्णय है, मुख्यमंत्री जी गोरखपुर में तीन दिन शहर में थे आईएमए का प्रतिनिधि मंडल क्यों नही मिलकर विरोध किया।
डॉ0 वर्मा ने कहा कि आर्युवेद चिकित्सकों को कानून बनाकर विभिन्न रोगों में जनरल सर्जरी करने का अधिकार देकर चिकित्सा की मुख्य धारा में लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाईक ने उचित कदम उठाया है। डा. वर्मा ने कहा इससे आम जनमानस को सस्ती और चिकित्सा उनके नजदीक ही मिलेगी। हमारे आयुर्वेद मनीषियों के निस्वार्थ चिकित्सा सेवा के कारण ही समाज में चिकित्सकों को दूसरे भगवान का दर्जा मिला है । जिसे हमारे आयुष चिकित्सकों ने विरासत को आज भी संजोए हुए हैं।
डॉ0 वी के वर्मा ने एलोपैथ चिकित्सकों से मांग की वे अपने पर्चे पर न तो कोई आयुर्वेदिक दवा लिखें और न ही खाने की सलाह दें और न ही कोई जड़ीबूटी लेने की सलाह दें। सभी एलोपैथ चिकित्सक टकराव का रास्ता छोड़कर अपनी पैथी में ईमानदारी से काम करें। आयुर्वेद चिकित्सकों को कमजोर समझने की भूल न करें। चिकित्सा किसी की बपौती नही है जो सही काम करेगा रोगी उसका सम्मान करेगा।
बैठक में डॉ0 सुशील शर्मा, डॉ0 आलोक रंजन, डॉ0 श्रद्धा सिंह, डॉ0 मनोज मिश्रा, डॉ0 मुक्तेश्वर पांडेय, डॉ0 प्रदीप शुक्ला , डॉ0 प्रदीप श्रीवास्तव आदि चिकित्सक शामिल थे।