समाज और राष्ट्र को समर्पित था पं. दीन दयाल की जीवन- दयाराम चौधरी
बस्ती :-(मार्तण्ड प्रभात ) एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीन दयाल उपाध्याय को उनके पुण्य तिथि पर गुरूवार को याद किया गया। सदर विधायक दयाराम चौधरी ने उन्हें याद करते हुये कहा कि दीनदयाल उपाध्याय राजनेता मात्र नहीं थे, वह उच्च कोटि के चिंतक, विचारक और लेखक भी थे। इस रूप में उन्होंने श्रेष्ठ शक्तिशाली और संतुलित रूप में विकसित राष्ट्र की कल्पना की थी। उन्होंने निजी हित व सुख सुविधाओं का त्याग कर दिया था। व्यक्तिगत जीवन में उनकी कोई महत्वाकांक्षा भी नहीं थी। उन्होंने अपना जीवन समाज और राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। यही बात उन्हें महान बनाती है।
कहा कि राजनीति में लगातार सक्रियता के बाद भी वह अध्ययन व लेखन के लिये समय निकालते थे। इसके लिये वह अपने विश्राम से समय कटौती करते थे। इसी में लोगों से मिलने जुलने और अनवरत यात्राओं का क्रम भी चलता था। आमजन के बीच रहना उन्हें अच्छा लगता था।
शायद यही कारण था कि वह देश के आम व्यक्ति की समस्याओं को भलीभांति समझ चुके थे। यह विषय उनके चिंतन व अध्ययन में समाहित था। इनका वह कारगर समाधान भी प्रस्तुत करते थे। ऐसे महान विचारक से प्रेरणा लेनी की जरूरत है। भाजपा उन्ही के पद चिन्हों पर आगे बढते हुये समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिये संकल्पित है।
विकास भवन के निकट आयोजित कार्यक्रम में पं. दीन दयाल उपाध्याय को नमन् करने वालों में मुख्य रूप से विधायक प्रतिनिधि राजकुमार शुक्ल, अजय कुमार श्रीवास्तव, गणेश चौधरी, आशीष चौधरी, रामकुमार तिवारी, राजन पांडेय,लाल चंद्र चौधरी, राघवेंद्र पांडेय,धर्मराज मौर्य,मलखान सिंह,राजू कुमार,वीरेन्द्र विश्वकर्मा,चंद्रकांत चौधरी, दीपक नायक आदि ने उनके चित्र पर पुष्पार्चन कर नमन् किया।