सर्राफा व्यापारी के दो कर्मचारी 5 किलो सोना के साथ गिरफ्तार - www.martandprabhat.com
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सर्राफा व्यापारी के दो कर्मचारी 5 किलो सोना के साथ गिरफ्तार

गोरखपुर :- सराफा मंडल के पूर्व अध्यक्ष शरद चंद्र अग्रहरि के दो कर्मचारी मनोज कुमार निषाद और राजन साहनी गुरुवार को बस से सोना लेकर दिल्ली जा रहे थे। लखनऊ में डीआरआई की टीम ने मुखबिर की सूचना पर मनोज और राजन को बस से नीचे उतार लिया और उनके पास से पांच किलो सोना बरामद कर लिया। मनोज और राजन ने डीआरआई टीम को बताया कि सोना गोरखपुर के सराफा कारोबारी शरद चंद्र अग्रहरि का है और वे लोग इसे दिल्ली पहुंचाने ले जा रहे हैं।

डीआरआई टीम ने दोनों से पूछताछ की और जानकारियां जुटाने के बाद गोरखपुर पहुंची और राजघाट क्षेत्र निवासी सराफा कारोबारी शरद चंद्र अग्रहरि और उनके बेटे से पूछताछ किया। संतुष्ट न होने पर पांच किलो सोने के साथ पकड़े गए शरद चंद्र के दोनों कर्मचारियों को डीआरआई ने जेल भेज दिया। इस मामले को लेकर सराफा कारोबारियों में आक्रोश है।

सूत्रों का कहना है कि गोरखपुर पहुंची डीआरआई टीम ने गोरखपुर के भी विभागीय अधिकारियों तथा पुलिस अधिकारियों को बुला लिया था। काफी देर तक पूछताछ करने और कागजातों का मिलान करने के बाद कई अनियामितिताये पकड़ीं जिसके कारण लखनऊ में गिरफ्तार किए गए मनोज और राजन को जेल भेज दिया।

इस सम्बंध में शरद चंद्र अग्रहरि ने स्वीकार किया कि डीआरआई टीम ने लखनऊ में उनके दो कर्मचारियों को सोने के साथ पकड़ा था जिन्हें जेल भेज दिया है। हालांकि उनका यह भी कहना है कि जांच में उन्होंने पूरा सहयोग किया और अपने कागजात भी दिखाए। अग्रहरी ने दावा किया कि उनके कर्मचारियो के पास पक्की रसीद थी। सोना दिल्ली के एक कारोबारी को बेचा गया था। दोनों कर्मचारी उसी कारोबारी के पास सोना पहुंचाने जा रहे थे। सूत्रों का कहना है कि गोरखपुर के सराफा कारोबारी शरद चंद्र अग्रहरि ने दिल्ली के जिस कारोबारी को सोना बेचने की जानकारी दी थी, डीआरआई टीम ने उससे भी पूछताछ की है।

ज्ञात हो कि गोरखपुर सराफा मंडल के पूर्व अध्यक्ष शरद चंद्र अग्रहरि इसी साल लखनऊ में 7 किलो सोने के साथ पकड़े गए तस्करों की निशानदेही पर जांच पड़ताल में आरोपित पाए गए थे। डीआरआई ने शरद चंद्र्र अग्रहरि को तब गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। डीआरआई टीम ने तब तीन बार गोरखपुर पहुंचकर शरद चंद्र की दोनों दुकानों और उनके मकान पर जांच-पड़ताल की थी। शरद चंद्र अग्रहरि ने बताया कि लखनऊ में दर्ज मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। डीआरआई ने उन्हें जेल भेज दिया था। वह पैरोल पर छूटे हुए हैं। उनके खिलाफ जांच चल रही है।

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