Monday, July 14, 2025
साहित्य एवं आर्टिकल

किताबों की दुनियां कभी समाप्त नहीं होगी अनुरोध कृत लघुकथा संग्रह ‘सितारा’ का विमोचन

बस्ती :- डिजिटल पर सवार होकर किताबें अब भाषायी और देशों की सरहदों को तोड़कर विश्व व्यापी स्थान बना रही है। यह विचार डा. वी.के. वर्मा ने प्रेस क्लब में अनुरोध कुमार श्रीवास्तव के लघुकथा संग्रह ‘सितारा’ का विमोचन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किया।

शव्द सुमन संस्था की ओर से आयोजित विमोचन कार्यक्रम में अनुरोध कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि यह उनकी दूसरी कृति है। इसके पूर्व प्रकाशित काव्य संग्रह ‘जिन्दगी के साज पर’ को पाठकों ने सराहा जिससे उत्साह बढा। प्राची ड़िजिटल पव्लिकेशन ,उत्तराखंड से प्रकाशित ‘सितारा‘ अमेजन और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध है। 29 लघु कथाओं में जीवन में जो देखा सुना उसे कागज पर उतारता गया जो अब पुस्तक के रूप में पाठकों के सम्मुख है।

कवि डाक्टर रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ के संचालन में आयोजित विमोचन कार्यक्रम में अनेक साहित्यकारों, कवियों ने ‘सितारा’ पर प्रकाश डालते हुये अपनी कविताओं के माध्यम से वातावरण को सरस कर दिया।
अध्यक्षता करते हुये वरिष्ठ कवि सत्येन्द्र नाथ ‘मतवाला’ ने कहा कि सितारा एक तरह से सच का दस्तावेज है।  विशिष्ट अतिथि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उपाध्यक्ष राकेश पाण्डेय ने कहा कि अनुरोध का अनुभव संसार व्यापक है। गंवई पीडा और द्वंद को वे बखूबी समझते हैं जिसकी झलक सितारा मंें है। वरिष्ठ पत्रकार एवं समीक्षक प्रदीप चन्द्र पाण्ड़ेय नें कहा कि ड़िजिटल मीडिया चाहे जितना प्रगति कर ले , पुस्तके हमेशा पथ प्रदर्शन करती रहेंगी।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में आयोजित कवि सम्मेलन में  विनोद उपाध्याय,  दीपक सिंह ‘प्रेमी’, डाँ. राममूर्ति चौधरी,डाँ.राजेन्द्र मिश्र , डाँ अजीत श्रीवास्तव, सुशील सिंह ‘पथिक’ ,सोनिया, पंकज सोनी, अजय श्रीवास्तव, प्रमोद कुमार मिश्र, रहमान अली ‘रहमान’ सहित कई कवियों नें कविता पाठ किया । इसके साथ ही फिल्मकार एवं कवि शाद अहमद ‘शाद’ , प्रतीक पाण्ड़ेय, आर.सी.राजा, अजय श्रीवास्तव, अशोक श्रीवास्तव,  उमेश चन्द्रा ‘चंचल’,रामकिशोर शर्मा, आषुतोष नारायण मिश्र, जय प्रकाश गोस्वामी के साथ ही अनेक साहित्यानुरागी कार्यक्रम में  शामिल रहे ।

×