कौन घोल रहा शहर में नशे का जहर

बस्ती :- (संवाददाता) सड़के शहर की नशे होती है ये किसी विद्वान ने कहा था। जब नशों में ही जहर घुल जाए तो आप क्या करेंगे।
ऐसा ही हाल कुछ आजकल शहर का है। हर नुक्कड़ चौराहे पर नशे के कारोबारी मिल जायेंगे। शहर हो या देहात कही भी आपको ये समान सरलता से उपलब्ध हो जाता है।ज्यादातर इसके इसके शिकार युवा बेरोजगार ही होते है। सूत्रों की माने तो नशे का कारोबार करोड़ों में है।
गांजा बिक्री का कारोबार इतना धड़ल्ले और निडरता तो इतनी है की ये लोग विरोध करने वालो और पत्रकारों को सीधे धमकाते नजर आते है।
लगभग हर थाना चाहे कलवारी में पाऊं चौराहा के आसपास ,कप्तानगंज मुख्य चौराहा के साथ ग्रामीण क्षेत्र जैसे सरैया आदि ,रूधौली, मुंडेरवा थाना क्षेत्र के देवरिया माफी मंदिर के निकट ,ऐसा कोई चौराहा इनसे बचा नही है।ये तो कुछ ऐसे जगह है जो बदनाम हो चुके है।इसके अतिरिक्त ना जाने कितने है ।
।मुख्य चौराहे से लेकर गली कूचों तक अपनी पहुंच रखते है ये। इनको ऐसे दबंग लोगो का संरक्षण प्राप्त होता है की कोई इनके विरोध में कोई बोलने की हिम्मत नही करता।सरकारी कोटे की दुकान हो सकता है की ना हो लेकिन इन अवैध कारोबारियों की दुकान जरूर मिल जायेगी।
कही झोले में कहीं गुमटी में ये कारोबार हो रहा है और उसपर तुर्रा ये कि ज्यादा तर अपना काम थाना या चौकी के नजदीक ही करते है।
सूत्र बताते है की पुलिस पकड़ती भी है तो ऐसी धारा लगती है की 15 दिन से ज्यादा नहीं रहना पड़ता। इनके मालिक की पहुंच ऊपर तक है इसलिए सुरक्षित है।
ऐसा नही है की पुलिस सक्रिय नहीं है आए दिन प्रशासन को छापेमारी में गंजा और तस्कर दोनो पकड़ते रहते है।लेकिन हमेशा प्यादे हो पकड़े जाते है और आसानी से छूट भी जाते है। कुंटालो में गंजा पकड़वाने की खबरे आती रहती है लेकिन मुखिया हमेशा पकड़ से बाहर रहता है और कारोबार पर भी कोई असर दिखाई पड़ता है।
ये अब एक यक्ष प्रश्न बन गया है की इन युवाओं को विनाश के रास्ते पर ले जाने वाले इन नशे के कारोबारियों से कब छुटकारा मिलेगा।

