थानाध्यक्ष आलोक श्रीवास्तव ने बच्चों को हेल्पलाइन 112 डायल करने के बारे में दी जानकारी

बस्ती :-(मार्तंड प्रभात) स्वामी दयानंद पूर्व माध्यमिक विद्यालय सुर्तीहट्टा पुरानी बस्ती में बाल अपराध एवं बालसक्रियता पर कार्यशाला आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि पुरानी बस्ती थानाध्यक्ष आलोक श्रीवास्तव पुरानी बस्ती रहे।
अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि माता पिता और गुरु द्वारा दिए उत्तम संस्कारो से बाल अपराध पर पूर्ण नियंत्रण किया जा सकता है इसमें विद्यालय की अहम भूमिका होती है इस अवसर पर थानाध्यक्ष ने बच्चों को पुलिस सहायता के लिए 112 डायल करने के लिए समझाया बालिकाओं एवम महिलाओं के लिए वीमेन पावर हेल्पलाइन 1090 व चाईल्ड हेल्पलाइन 1098 के बारे में भी बच्चों को बताया ।
उन्होंने बताया कि 16 वर्ष तक के बच्चे गलत संस्कारों से प्रभावित होकर घर व स्कूल से भागना परिवार व सहपाठियों के लिएअपशब्दों का प्रयोग करना समाज मे चोरी आदि करते हैं जिससे बाल अपराध का जन्म होता है। इसके लिए बाल सुधार गृह के माध्यम से उनका सुधार किया जाता है।
इसी क्रम में विद्यालय के प्रबन्धक श्री ओमप्रकाश आर्य जी ने कहा कि आधुनिक जीवन शैली में गहरे अपनेपन के आधार पर अभिभावकों और बच्चों के बीच की दूरी और दरार को मिटाकर वर्तमान समस्याओं से उपजते बाल अपराध से निजात पाई जा सकती है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक अदित्यनारायण गिरि ने स्वागत परिचय कराय ।उन्होंने कहा कि भारतीय कानून के अनुसार सोलह वर्ष की आयु तक के बच्चे अगर कोई ऐसा कृत्य करें जो समाज या कानून की नजर में अपराध है तो ऐसे अपराधियों को बाल अपराधी की श्रेणी में रखा जाता है।
किशोरावस्था में व्यक्तित्व के निर्माण तथा व्यवहार के निर्धारण में वातावरण का बहुत हाथ होता है। किशोरों द्वारा किए गए अनुचित व्यवहार के लिये बालक स्वयं नहीं बल्कि उसकी परिस्थितियां उत्तरदायी होती हैं। इसी वजह से भारत समेत अनेक देशों में किशोर अपराधों के लिए अलग न्यायालय और न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाती है।
उनके न्यायाधीश और संबंधित वकील बालमनोविज्ञान के अच्छे जानकार होते हैं। किशोर․अपराधियों को दंड नहीं बल्कि उनकी केस हिस्ट्री को जानने और उनके वातावरण का अध्ययन करने के बाद उन्हें सुधार गृह में रखा जाता है जहां उनकी दूषित हो चुकी मानसिकता को सुधारने का प्रयत्न किए जाने के साथ उनके साथ उनके भीतर उपज रही नकारात्मक भावनाओं को भी समाप्त करने की कोशिश की जाती है।
इस अवसर पर आदित्यनारायण गिरी ने थानाध्यक्ष आलोक श्रीवास्तव को महर्षि दयानंद का चित्र भेंट किया। थानाध्यक्ष ने परीक्षा में उत्तीर्ण बच्चों को पुरस्कृत किया ।अन्त में गरुण ध्वज पाण्डेय मंत्री आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बच्चों को उनसे प्रेरणा लेने की नसीहत दी ।
इस अवसर पर प्रियांशु खुशी गौरी गर्वित श्रेयांश परी व सौम्या साहनी को पुरस्कृत किया गया।

