दस वर्ष पुराने सरकारी धन गबन मामले में तत्कालीन ग्राम प्रधान श्रीराम को कलवारी थाने की पुलिस ने किया गिरफ्तार

बस्ती/कलवारी । धन गबन के दस वर्ष पुराने प्रकरण में आज अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम अमित मिश्रा की अदालत ने विकास क्षेत्र बहादुरपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत पकड़ी छब्बर के पूर्व ग्राम प्रधान श्रीराम को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया।
साल 2012 में बस्ती जिले में बहादुरपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत पकड़ी छब्बर के पूर्व ग्राम प्रधान प्रधान श्रीराम व सचिव सुमन देवी ने मिलकर जल निकासी के लिए ह्यूम पाइप लगाने का कार्य कराया जिसमें 200mm पाइप लगाकर 300 mm के पाइप का भुगतान ले लिया था । ग्राम वासियों ने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों को दी तब शासन से प्रकरण की जांच कराई गई और शिकायत सही पाई गई।
शासन के आदेश के क्रम में जिला अधिकारी बस्ती ने गबन के संपूर्ण धनराशि ₹139000 का एक तिहाई भाग ग्राम प्रधान, एक तिहाई भाग सचिव व एक तिहाई भाग मनरेगा टेकनीशियन बेचन प्रसाद को जमा करने का आदेश जारी किया। जिसमें तीनों आरोपियों ने अपने-अपने अपने हिस्से का धन राजकोष में जमा कर दिया था ।
आरोप है कि मामले को दबाने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी बस्ती के निर्देश पर अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 808 वर्ष 2012 थाना कलवारी में अंतर्गत धारा 409 आईपीसी कायम कर विवेचना शुरू हुई थी लेकिन विवेचक व थानाध्यक्ष कलवारी और पर्वेक्षण अधिकारी/ क्षेत्राधिकारी कलवारी ने अभियुक्तों से 3 लाख रिश्वत लेकर प्रकरण में फाइनल रिपोर्ट दे दी थी।
इस गम्भीर प्रकरण में फाइनल रिपोर्ट प्रेषित करने की जानकारी जनहित संस्था के प्रबंधक कुंवर ब्रह्म देव उपाध्याय को लगी तो मार्च 2013 में न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से आपत्ति दिया। मामले के पांच साल लंबित रहने के बाद साल 2018 में न्यायालय ने अग्रिम विवेचना का आदेश दिया। जिसके क्रम में पुलिस ने न्यायालय में श्री राम, सुमन देवी व बेचन प्रसाद के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया।
आरोपी जानबूझकर न्यायालय में हाजिर नहीं होते थे और न्यायालय से वारंट पर वारंट जारी होता रहा । आरोप लगता है कि थानाध्यक्ष कलवारी मुलजिम से रिश्वत लेकर गिरफ्तारी वारंट का तामिला नहीं कराते थे।
माननीय न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक बस्ती को गिरफ्तारी वारंट की तामिला हेतु पत्र प्रेषित किया जिसके अनुपालन में थानाध्यक्ष कलवारी ने अभियुक्त श्री राम को आज गिरफ्तार किया और न्यायालय में पेश किया।
दस वर्ष पुराने सरकारी धन गबन के प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने अभियुक्त श्री राम को जेल भेज दिया। मामले के दो अभियुक्त तत्कालीन सचिव सुमन देवी और तकनीकी सहायक बेचन प्रसाद अभी भी फरार हैं जिनकी पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है।

