Tuesday, July 15, 2025
साहित्य एवं आर्टिकल

महावेदना की आँधी से, ’वर्मा’ अब भगवान बचाये।

महावेदना की आँधी से,

’वर्मा’ अब भगवान बचाये।

कोरोना की लहर तीसरी,

कभी यहाँ न आने पाये।

बहुत कष्ट झेला है अब तक,

बहुत आँख से अश्रु बहाया।

नहीं समझ मे आता ’’वर्मा’’,

प्रभु ने क्या-क्या दिन दिखलाया।

 

पीड़ा का यह गहन अंधेरा,

अब तो धरती से छँट जाये।

महावेदना की आँधी से,

’वर्मा’ अब भगवान बचाये।

 

कोरोना की लहर तीसरी,

कभी यहाँ न आने पाये।

 

डॉ वी के वर्मा,

चिकित्साधिकारी, जिला चिकित्सालय-बस्ती

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