मोदी सरकार के सात साल घरेलू, आर्थिक सहित विदेशनीति के भी नाकामी के नाम रहा – कामरेड के के तिवारी (सचिवमंडल सदस्य) , माकपा

बस्ती :- (मार्तण्ड प्रभात) मोदी सरकार के सात साल घरेलू, आर्थिक सहित विदेशनीति के भी नाकामी के रहे है। साम्प्रदायिक,भेदभाव पूर्ण नीतियों से आपसी एकता कमजोर पड़ी है। उड़ी ,पठानकोट सहित गलवान घाटी ,डोकलाम में विफलता सामने आई है।
आर्थिक क्षेत्र में केवल अडानी,अम्बानी भजपा सहित बेईमान भगोड़े पुंजिपतियो की समृद्धि आयी है, जो भ्रष्टाच्चार का ही कुपरिणाम है। नोटबन्दी,मनमाने तरीके से जीएसटी ,सहित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की बिक्री व काले कृषि कानूनो व मजदूर विरोधी श्रम संसोधनों से, दूसरी ओर जमाखोरी और कमरतोड़ महंगाई से देश की जीडीपी के साथ ही किसान, मजदूर ,व्यापारी,कर्मचारी मध्यमवर्ग की आमदनी में भारी गिरावट आई है। यहाँ तक कि प्रति व्यक्ति आय के सूची में हम बांग्लादेश से भी नीचे पहुंच गए है।
सरकार की अदूरदर्शी नीतियों व कार्य प्रणाली से बेरोजगारी अपने सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है। अंतराष्ट्रीय मानव इंडेक्स के अधिकांश मानकों पर भारत की गिरावट ही सामने आई है।
कोरोना महामारी से निपटने की कोई राष्ट्रीय नीति न होने व कुप्रबंधन के कारण ऑक्सीजन ,बेड दवा की कमी से भारी संख्या में मौतें हुई है और प्रभावितों की संख्या बढ़ी है। टीके तक कि उपलब्धता का संकट बन गया है।
ऐसे समय बजाय जनता के लिए काम करने की सरकार आंकड़ों,अपनी विफलताओं,को छिपाने और छवि गढ़ने, और उप्र के आगामी चुनाव के मंथन में लगी है , प्रशासनिक अक्षमता से अफसरशाही की निरंकुशता और मनमानी तथा भ्रष्टाच्चार में बढ़ोत्तरी हुई है। पत्रकारों पर मुकदमे सच दिखाने का ही परिणाम है।
के के तिवारी (सचिवमंडल सदस्य, माकपा )

