14 मार्च से शुरू होगा खरमास, नहीं होगा एक महीने तक कोई शुभ कार्य

खरमास पर विशेष
लखनऊ :- (पंडित विपिन मिश्र )
14 मार्च से खरमास का प्रारंभ हो रहा है , हिन्दू धर्म के अनुसार खरमास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। इस बार 14 मार्च दिन रविवार से खरमास का प्रारंभ हो रहा है।
एक वर्ष में दो बार खरमास लगता है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य देव गुरु बृहस्पति के राशि धनु और मीन में गोचर करते है तब खरमास लगता है। इस बार
सूर्यदेव बृहस्पति की राशि मीन राशि में रविवार को प्रवेश करेंगे और 14 अप्रैल तक मीन राशि में रहेंगे। सूर्य के इस राशि परिवर्तन को खरमास या मलमास कहा जाता है और सूर्य केस राशि परिवर्तन को मीन संक्रांति भी कहते हैं।
खरमास में विवाह कार्य, मुंडन, भूमि-पूजन, यज्ञोपवित, गृह प्रवेश, नया व्यापार, मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
क्योकि सभी कार्यों के लिए गुरु बृहस्पति के बल की आवश्यकता होती है। सूर्य के गुरु की राशि मे जाने से गुरु का बल कम हो जाता है, इसलिए कोई भी शुभ कार्य फलित नहीं होता।
क्या करें और क्या न करें
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार खरमास के दौरान सूर्यदेव और भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए । इसके बाद चढ़ते सूरज को अर्घ्य दें, भगवान विष्णु की पूजा करने से मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है और घर परिवार में धन की वृद्धि होती है। खरमास में शाम को तुलसी के पौधे पर घी का दीपक जलाने से जीवन की समस्याएं कम होती हैं। इस महीने गोशाला जरूर जाएं। गायों को गुड़ और हरा चना खिलाएं। इस पूरे महीने गाय की पूजा जरूर करें। ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण आपसे प्रसन्न होंगे। यथा शक्ति दान पुण्य करते रहना चाहिए।

