युवाओं के लिए आदर्श बनी 17 वर्षीय काम्या कार्तिकेयन

डेस्क से । 17 वर्षीय काम्या कार्तिकेयन ने विश्व की 7 सबसे ऊंची पर विजय प्राप्त कर एक विश्व रिकॉर्ड बना डाला है।
भारतीय नौसेना बाल विद्यालय (मुंबई) की कक्षा 12 की छात्रा काम्या ने यह ऐतिहासिक उपलब्धि 24 दिसंबर 2024 को चिली के मानक समय के अनुसार शाम 5:20 बजे अंटार्कटिका की माउंट विंसन चोटी पर फतह हासिल कर पूरी की।
इस यात्रा में काम्या के साथ उनके पिता, भारतीय नौसेना के कमांडर एस. कार्तिकेयन भी शामिल थे। दोनों ने अंटार्कटिका की 16,050 फीट ऊंची इस चोटी को फतह कर एक नई मिसाल कायम की। काम्या ने यह साहसिक यात्रा 13 वर्ष की उम्र में शुरू की थी। उनका यह सफर साहस, दृढ़ संकल्प और जज्बे का उदाहरण है।
इन चोटियों पर काम्या ने फहराया तिरंगा
माउंट किलिमंजारो (अफ्रीका)
माउंट एल्ब्रुस (यूरोप
माउंट कोसियस्ज़को (ऑस्ट्रेलिया)
माउंट अकोंकागुआ (दक्षिण अमेरिका)
माउंट डेनाली (उत्तर अमेरिका)
माउंट एवरेस्ट (एशिया)
माउंट विंसन (अंटार्कटिका)
भारत और नौसेना के लिए गर्व का क्षण
काम्या की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर भारतीय नौसेना ने उन्हें और उनके पिता को बधाई दी। नौसेना ने इसे एक “ऐतिहासिक उपलब्धि” करार देते हुए कहा कि यह भारतीय युवाओं की असीम क्षमता और साहस को दर्शाता है। काम्या, जिन्होंने पहले माउंट एवरेस्ट को फतह कर सुर्खियां बटोरी थीं, अब पूरी दुनिया के युवा पर्वतारोहियों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। उनकी इस सफलता के पीछे उनके परिवार, स्कूल, और भारतीय नौसेना का विशेष योगदान रहा है।
युवाओं को प्रेरणा का संदेश
काम्या ने अपनी इस उपलब्धि को दुनिया भर के सपने देखने वाले युवाओं को समर्पित किया। उन्होंने कहा, “हर चोटी ने मुझे साहस, धैर्य और हमारे ग्रह की खूबसूरती के बारे में कुछ नया सिखाया। मैं चाहती हूं कि मेरी यह यात्रा अन्य युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करें, चाहे वह सपने कितने भी ऊंचे क्यों न हों।
” काम्या कार्तिकेयन की यह ऐतिहासिक जीत उम्र के बंधनों को तोड़ते हुए साबित करती है कि अगर जुनून और लगन हो तो कोई भी सपना असंभव नहीं है। उनके घर लौटने पर देश उनका भव्य स्वागत करेगा, और उनकी यह कहानी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

