5 हजार फर्जी राशन कार्ड

गोरखपुर :- कोरोना संकट काल में राशन कार्ड बनाने को लेकर नियमों में ढील मिली तो कई लोगों ने उसका गलत फायदा भी उठाया। पात्र न होते हुए भी राशन कार्ड बनवा लिया। कोरोना के मामले नियंत्रित होने के बाद पूर्ति विभाग की ओर से राशन कार्डों का सत्यापन कराया जा रहा है। सत्यापन के दौरान अब तक पांच हजार फर्जी कार्ड मिले हैं, जिन्हें निरस्त कर दिया गया है। अभी और कार्ड भी मिलने की संभावना है। जो कार्ड निरस्त हो रहे हैं, उनके स्थान पर पात्र लोगों के कार्ड बनाए जाएंगे।
सीएम ने जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने का दिया था निर्देश
कोरोना काल में लोगों की आय प्रभावित हो गई थी।बड़ी संख्या में लोग अपने घर वापस आ गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। इसके लिए जिनके पास कार्ड नहीं थे, उनके कार्ड भी बनाए जाने लगे। इसके बाद पूर्ति विभाग के कार्यालय में बड़ी संख्या में राशन कार्ड बनाने के लिए आवेदन आए। महामारी को देखते हुए राशन कार्ड बनाने को लेकर नियमों में बहुत जांच-पड़ताल नहीं हुई। इसका फायदा उठाते हुए कुछ लोगों ने गलत तथ्यों के आधार पर राशन कार्ड बनवा लिया। सिर्फ राशन कार्ड ही नहीं बनवाया अपितु राशन भी लिया। राशन कार्ड बनवाने में किस किस की भूमिका है, आने वाले दिनों में उनकी जांच की जा सकती है। बहरहाल अभी ऐसे राशन कार्डों की जांच की जा रही है, जो अपात्र हैं और पात्र बनकर खाद्यान्न का लाभ ले रहे हैं।
कोरोनाकाल में बनाए गए 43 हजार राशन कार्ड
कोरोना काल के दौरान करीब 43 हजार राशन कार्ड बनाए गए थे। पूर्ति विभाग ने अब सत्यापन शुरू कर दिया है। जिला पूर्ति अधिकारी आनंद कुमार ङ्क्षसह सत्यापन की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हर ब्लाक में एक-एक राशन कार्ड का सत्यापन किया जा रहा है। अभी तक पांच हजार राशन कार्ड फर्जी मिले हैं। सभी राशन कार्ड को निरस्त कर दिया गया है। इनकी जगह पात्र लोगों के कार्ड बनाए जाएंगे।

