Sunday, August 17, 2025
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18 अगस्त को भी मनाया जाएगा 78वा स्वतंत्रता दिवस

डेस्क । आज पूरा देश आजादी के 78वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न 15 अगस्त को मनाया गया। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और गुजरात से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आजादी के रंग में रंगा हुआ है, लेकिन क्या आपको पता है कि देश के कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता है।

जी हां 

आइए, आपको बताते हैं कि आखिरकार ऐसा क्यों है और ऐसा कहा होता है । 

जैसा कि आप सब जानते हैं कि 15 अगस्त, 1947 को हमारा प्यारा भारत देश आजाद हुआ था, लेकिन आजादी के साथ ही 14 अगस्त, 1947 देश का बंटवारा हो गया और भारत के दो हिस्से हो गए। भारत और पाकिस्तान। पाकिस्तान दो भागों में बना। एक पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) और दूसरा पाकिस्तान, जो यथास्थिति में है। यही मुख्य वजह है, जिससे पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता है।

बंटवारे के समय गलत फैसला

दरअसल, जब पूर्वी पाकिस्तान बना, तो बंगाल से कई हिस्सों को काटा गया। इस दौरान पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कुछ हिस्से, नदिया के राणाघाट और कृष्णा नगर सदर, मेहरपुर, कुष्टिया, चुआडांगा और राणाघाट आते थे। समेत कुछ इलाके पूर्वी पाकिस्तान में मिला दिया गया।

जब ये खबर फैली तो नदिया में दंगे भड़क उठे। आक्रोशित लोगों के प्रदर्शन से दो दिनों तक बवाल मचा रहा। ज्यादातर लोग ब्रिटिश हुकूमत के फैसले के विरोध में सड़क पर उतर आए थे । यहां महिलाओं ने दो दिनों तक घरों में चूल्हे तक नहीं जलाए। एक तरह से यहां दो धर्मों के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए थे।

नदिया जिले के मुस्लिम पाकिस्तान में शामिल किए जाने को लेकर उत्साहित हो गए थे। यही नहीं मुस्लिम लीग के कुछ नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ कृष्णानगर पब्लिक लाइब्रेरी पर पाकिस्तानी झंडे फहरा दिए थे। यहां नेताओं ने रैलियां निकालीं और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगने लगे।

ब्रिटिश हुकूमत को बदलना पड़ा फैसला

नदिया जिले में विद्रोह की खबर जब देश के अंतिम वायसराय लोर्ड माउंटबेटन तक पहुंची तो उन्होंने रेडक्लिफ को तत्काल अपनी गलती सुधारने के आदेश दिए।अब रेडक्लिफ ने नक्शे में कुछ बदलाव किए और नदिया जिले के राणाघाट, कृष्णानगर, और करीमपुर के शिकारपुर को भारत में शामिल किया गया। हालांकि इस सुधार प्रक्रिया में कुछ वक्त लग गया। इस तरह पूरी कागजी कार्रवाई के बाद नदिया जिला 17 अगस्त की आधी रात को भारत में शामिल हुआ। वो इसी दिन भारत का हिस्सा बन पाए यहां के लोगों में उत्साह और इलाके में खुशियां मनाई जानें लगीं।

इसलिए इन क्षेत्रों में 18 अगस्त को भी स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।