शनैश्चरी अमावस्या , पितृ दोष और शनि दोष से मुक्ति का दिन

आस्था और ज्योतिष,
शनिश्चरी अमावस्या क्या है
जब शनिवार को अमावस्या पड़ जाती है तो उस शनिवार को शनैस्चारी अमावस्या कहते है।इस बार वैशाख माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 30 अप्रैल दिन शनिवार को है।
महत्व
हिंदू धर्म में शनिश्चरी अमावस्या का विशेष महत्व व प्रभाव होता है।
जिन जातकों पर शनि की महादशा हो उनके लिए यह शनिश्चरी अमावस्या अति लाभदायक होगी।
आज का पंचांग
30 अप्रैल 2022, शनिवार वैशाख कृष्ण पक्ष,
अमावस्या 01 मई रात्रि 01:57 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र – अश्विनी रात्रि 08:13 तक तत्पश्चात भरणी।
योग – प्रीति शाम 03:20 तक तत्पश्चात आयुष्मान
सुबह 09:22 से सुबह 10:59 तक
वैशाख अमावस्या 30 अप्रैल को देर रात 12 बजकर 59 मिनट पर शुरू होकर 1 मई को देर रात 1 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए 30 अप्रैल को शाम को शनिदेव की पूजा-अर्चना की जाएगी।
29 अप्रैल को देर रात 12:57 मिनट
30 अप्रैल दिन शनिवार देर रात 1:57 मिनट
30 अप्रैल को दोपहर बाद 3:20 मिनट तक
30 अप्रैल को रात 8:13 मिनट तक
शनैश्चरी अमावस्या को किये जाने वाले जरूरी उपाय
दान
शनैश्चरी अमवस्या के दिन नदी में स्नान व सत्तू का दान अवश्य करें। इसके अलावा शनि दशा से पीड़ित जातकों को इस दिन तेल दान करना चाहिए; साथ ही पीपल की पूजा करनी चाहिए और तिल से पीपल की फेरी दें।
पितृ दोष से पीड़ित लोगों को इस दिन उनके मन-पसंद चीजों का दान करना चाहिए। भोजन-कपड़े विशेष रूप से दान करें।
साधना
शनि दोष से मुक्ति का सबसे सरल साधन हनुमान जी की उपासना है।
हनुमान जी के उपासकों को दिन 108 पाठ या समय अनुसार ज्यादा से ज्यादा हनुमान चालीसा, सुन्दर कांड, हनुमान बहुक, पंच मुख् हनुमान स्त्रोत आदि का पाठ करना चाहिए। लक्ष्मी या धन से संबंधित दिक्कत वाले शहद से भगवान शिव का इस दिन अभिषेक करें व कपूर आरती करें।
शनि अमावस्या के दिन सातमुखी रूद्राक्ष को गंगाजल से धोकर धारण करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से समस्याओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
क्या ना करे
शनिवार के दिन तेल का दान करे लेकिन तेल न खरीदें।
शनिवार के दिन लोहे से बनी चीजों को दान करे
शनिवार के दिन काले रंग के चमड़े के जूते का दान करे लेकिन खरीदे नहीं।
शनिवार के दिन ईंधन न खरीदे।
शनिवार के दिन कागज या कलम नहीं खरीदने चाहिए।

