पुण्य तिथि पर याद किये गये गांधीवांदी विचारक वंशीधर दूबे

बस्ती। प्रसिद्ध गांधीवांदी विचारक कला प्रसार समिति के पूर्व उप सभापति वंशीधर दूबे को उनके ग्यारहवीं पुण्य तिथि पर याद किया गया। रविवार को समिति के सचिव हरिस्वरूप दूबे के संयोजन में समिति पदाधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गांधी कला भवन स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर बापू प्रतिमा को नमन् किया।
माल्यार्पण के बाद शास्त्री चौक पर एक गोष्ठी आयोजित कर वंशीधर दूबे के योगदान को याद किया गया। एडवोकेट वीरेन्द्रनाथ पाण्डेय, ओम प्रकाश लाल श्रीवास्तव, अमरनाथ श्रीवास्तव आदि ने कहा कि वंशीधर दूबे ने गांधी कला भवन को आधार बनाकर बापू के विचारों से लोगों को जोड़ने का आखिरी क्षण तक अपना प्रयास जारी रखा। वे प्रसिद्ध गांधीवादी थे।
आज गांधी कला भवन को विकास प्राधिकरण का कार्यालय बना दिया गया है, इसके बाद से ही वैचारिकी का प्रमुख स्थल हाशिये पर है। अच्छा हो कि प्रशासन अपनी भूल स्वीकार करे और गांधी कला भवन को समिति को वापस किया जाय।
समिति के सचिव हरिस्वरूप दूबे ने कहा कि गांधी कला भवन की प्रतिष्ठा और उसके भवन को वापस दिलाने के लिये समिति लगातार संघर्षरत है। निश्चित रूप से उसमें सफलता मिलेगी। कहा कि गांधी कला भवन की बौद्धिक विरासत को वापस पाने के लिये संघर्ष निरन्तर जारी है। उन्होने इसके लिये जन सहयोग का आवाहन किया।
सूर्यकान्त त्रिपाठी, देवेन्द्र पाण्डेय, विवेक पाल, विशाल, गौरवमणि आदि ने बंशीधर दूबे के योगदान को स्मरण करते हुये कहा कि वे आखिरी क्षणों तक महात्मा गांधी के विचारों को जन-जन से जोड़ने के लिये प्रयत्नशील रहे । उनका सपना था कि गांधी कला भवन को विकसित किया जाय किन्तु दुर्भाग्य से उनका सपना अधूरा है। इसके लिये सबको मिलकर प्रयास करना होगा।
जिलाधिकारी से आग्रह किया जायेगा कि पट्टे का नवीनीकरण कराकर एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संस्था के स्वरूप को बनाये रखा जाय। इसी कड़ी में गोष्ठी स्थल पर सहभोज आयोजित किया गया।
वंशीधर दूबे को नमन् करने वालों में उनकी धर्म पत्नी श्रीमती विन्देश्वरी दूबे, श्रीमती सीमा, पूनम, रश्मि, पद्मेश, उदय स्वरूप, घनश्याम मिश्रा, अरविन्द तिवारी, रमन सिंह, शिशु श्रीवास्तव, अभिषेक गुप्ता, यजत, सुड्डू श्रीवास्तव, अनिल यादव, पल्टूराम, बब्लू पाण्डेय, विद्या सागर पाण्डेय, अरूण उपाध्याय आदि शामिल रहे।

