Monday, September 1, 2025
आस्था

गणेश चतुर्थी,कब और कैसे मनाए

धर्म और आस्था

गणेश चतुर्थी इस बार 30 अगस्त को मनाई जाएगी। इसी समय गणेश उत्सव भी मनाया जाता है जो 10 दिन चलता है।  इन 10 दिनों में रोज भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाएगी। ऐसा कहा जाता है कि इन 10 दिनों में भगवान श्रीगणेश पृथ्वी पर निवास करते हैं और अपने भक्तों के दुख-दर्द दूर करते हैं और उनकी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इन 10 दिनों में भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करके भक्त अपने सभी कष्ट से मुक्त हो सकते है।

गणेश चतुर्थी बुधवार को आने के साथ ही रवि योग में मनाई जाएगी। गणेश महोत्सव चतुर्थी से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तक 10 दिन तक चलेगा। 9 सितम्बर अनन्त चतुर्दशी को गणपति विसर्जन के साथ यह पूरा हो जाएगा।

शुभमुहूर्त

मार्तंड ज्योतिष संस्थान के अनुसार 30 अगस्त को चतुर्थी तिथि दोपहर 3 बजकर 33 मिनट से शुरू हो रही है, जो अगले दिन 31 अगस्त दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक रहेगी।  इसके साथ ही चित्रा नक्षत्र रात्रि 12 बजकर 11 मिनट तक रहेगा और शुक्ल योग रात्रि 10 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।

मध्याह्न व्यापिनी चतुर्थी होने से इसी दिन गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन बुधवार का विशेष संयोग भी प्राप्त होगा।

ग्रह नक्षत्रों का संयोग, यह रहेगा शुभ मुहूर्त

इस दिन 4 ग्रह अपनी राशि में रहेंगे। सूर्य स्व राशि सिंह में, बुध कन्या राशि में, गुरु मीन राशि में, शनि मकर राशि में होंगे। इसके साथ शुक्र सिंह राशि में प्रवेश करके सूर्य के साथ युति करेंगे। चंद्रमा बुध की राशि कन्या से दोपहर बाद बदलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे।

गणपति का जन्म मध्याह्न काल में होने से दोपहर 12 बजकर 3 मिनट से 2 बजकर 22 मिनट तक स्थापना पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा।

शुभ फल के लिए क्या करे क्या न करे

सात्विक आहार करे
गणेश उत्सव के दौरान पूरी तरह से सात्विकता का पालन करें। इन 10 दिनों में मांसाहार का सेवन भूलकर भी न करें।

किसी प्रकार का नशा न करें
गणेश उत्सव के दौरान शराब या अन्य किसी प्रकार का नशा करने से भी बचें।

ब्रह्मचर्य का पालन करें
जब तक भगवान श्रीगणेश घर में विराजित रहें तब तक पति-पत्नी को एक-दूसरे से दूरी बनाकर रहना चाहिए यानी पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

किसी को खाली हाथ न लौटाएं
गणेश उत्सव के दौरान बहुत से लोग भोजन व अन्य चीजों की आशा लिए आपके घर आते हैं। ऐसे में उन्हें निराश न लौटाएं।