Sunday, August 17, 2025
उत्तर प्रदेशलखनऊ

यूपी निकाय चुनाव जल्द आ सकती है अधिसूचना, OBC आरक्षण रद्द होंगे

लखनऊ । यूपी निकाय चुनाव पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है और  OBC आरक्षण रद्द कर तत्काल चुनाव कराने का निर्देश दे दिया गया है ।
उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अहम फैसला सुनाते हुए ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया है।  ओबीसी के लिए आरक्षित अब सभी सीटें जनरल मानी जाएंगी।

HC के फैसले को SC में चुनौती दे सकती है UP सरकार

इस बीच चर्चा है कि यूपी सरकार, इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है।
उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाया।

कोर्ट ने कहा कि जब तक ट्रिपल टेस्ट न हो, तब तक ओबीसी आरक्षण नहीं होगा, सरकार या निर्वाचन आयोग बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव करवा सकता है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को 70 पेजों का फैसला सुनाया। अपने फैसले में हाई कोर्ट ने सरकार द्वारा जारी ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया। अब ओबीसी के लिए आरक्षित सभी सीटें अब जनरल (सामान्य) मानी जाएंगी। हाई कोर्ट ने तत्काल निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा जारी की गई ओबीसी आरक्षण सूची को रद्द करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार ओबीसी आरक्षण देने के लिए एक कमीशन बनाया जाए, तभी ओबीसी आरक्षण दिया जाए । ऐसे में अगर सरकार और निर्वाचन आयोग चाहे तो बिना ओबीसी आरक्षण ही तुरंत चुनाव करा सकता है।

ओबीसी के लिए आरक्षित सीटें मानी जाएंगी सामान्य

हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद अब प्रदेश में किसी भी तरह का ओबीसी आरक्षण नहीं रह गया है। यानी सरकार द्वारा जारी किया गया ओबीसी आरक्षण नोटिफिकेशन रद्द हो गया है ।

एससीएसटी सीटों पर नही पड़ेगा असर

अगर सरकार या निर्वाचन आयोग अभी चुनाव कराता है तो ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को जनरल मानकर चुनाव होगा, जबकि एससी-एसटी के लिए आरक्षित सीटें यथावत रहेंगी यानी इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।

नगर निकाय चुनाव को लेकर क्यों फंसा था पेंच?

पिछले महीने उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर निकाय चुनाव की सीटों की आरक्षण सूची जारी कर दी थी। इसके खिलाफ हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। इन याचिकाओं में कहा गया कि सरकार ने ओबीसी आरक्षण जारी करने के लिए ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला नहीं अपनाया था। इस फॉर्मूले को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनाया गया था।

क्या होता है ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला?

ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला के अनुसार- राज्य को एक कमीशन बनाना होगा, जो अन्य पिछड़ा वर्ग की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट देगा और जिसके आधार पर आरक्षण लागू होगा।

आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट यानी 3 स्तर पर मानक रखे जाएंगे जिसे ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला कहा गया है।

1. राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की आर्थिक-शैक्षणिक स्थिति है? उनको आरक्षण देने की जरूरत है या नहीं? उनको आरक्षण दिया जा सकता है या नहीं?
2. कुल आरक्षण 50 फीसदी से अधिक ना हो।

3. इस के लिए एक आयोग गठित करे जो सर्वे करेगा और आरक्षण निर्धारित किया।