अपने अधिकारों से क्यों वंचित है प्रशासनिक अधिकारी जिला अस्पताल अनिल भास्कर

बस्ती (मार्तण्ड प्रभात)। जी हां बस्ती जनपद के जिला अस्पताल में प्रशासनिक अधिकारी सालों से लगातार बिना किसी कार्य के वेतन उठा रहे हैं । प्रशासनिक अधिकारी अनिल कुमार भास्कर की नियुक्ति बस्ती जनपद में 2020 में हुई थी तब से लेकर आज तक ना तो इनको कोई जिम्मेदारी सौंपी गई और ना ही कोई कार्यभार दिया गया ।
प्रशासनिक अधिकारी का पद सीएमओ के बाद सबसे महत्वपूर्ण पद माना जाता है लेकिन बस्ती में इनकी स्थिति ऐसी है जैसे बिना फोर्टफोलियो का मंत्री होता।
कार्यालय हेतु कमरा तो है लेकिन हालात किसी गार्ड के कमरे से बदतर है।एक कुर्सी और एक मेज के अतिरिक्त कुछ नही।
जब इस विषय पर प्रशासनिक अधिकारी अनिल कुमार भास्कर से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उनकी नियुक्ति के बाद से ही उनको कभी कोई चार्ज नहीं दिया गया। सारा कार्य स्टोनो और सीएमओ साहब ही देखते है।
बताते है की कार्यालय में कोई काम ही नहीं है ।सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक चुपचाप बैठ कर दिन व्यतीत करता हु। जब ऊब जाता हुं तो संविधान की पुस्तक पड़ता हूं।
उन्होंने बताया की कई बार इस संबंध सीएमओ और जिलाधिकारी से मौखिक और लिखित शिकायत कर चुका है लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई। ऐसा लगता है जैसे स्टोनो कुछ छुपाने को कोशिश कर रहे है।मेरे पास कभी कोई फाइल नहीं आती। नए सीएमओ आर पी मिश्र ने आने के बाद सितंबर में कार्यभार दिए जाने का आदेश दिया था लेकिन वो भी ठंडे बस्ते में चला गया।यहां कर्मचारियों की मिलीभगत से बड़े बड़े झोल होते है मेरे पास फाइल आने से मामले के खुल जाने का डर भी इसके पीछे का बड़ा कारण हो सकता है। मुझे मेरे अधिकारो से वंचित रखने का षड्यंत्र किया जा रहा है।
आपको बता दे कि एक तरफ जहां सरकारी कर्मचारियों पर अक्सर कामचोरी के आरोप लगते रहते है वही एक व्यक्ति जो काम करना चाहता है उसे कोई काम नहीं करने दे रहा।
इस विषय पर सीएमओ आर पी मिश्र से बात हुई तो उन्होंने बताया की इस संबंध में आदेश दिया गया था लेकिन प्रशासनिक अधिकतर छुट्टी पर रहने की वजह से आदेश क्रियान्वित नही हो सका। जैसे ही वो नियमित हो जायेंगे उनको कार्यभार दे दिया जायेगा।

