सीटू कार्यालय पर मनाया गया आंबेडकर जयंती

सन्तकबीरनगर। 14 अप्रैल संविधान निर्माता डाक्टर भीमराव अंबेडकर की 134 वी जयंती पर साहित्यकारों,पत्रकारों मेहनतकस ,बुद्धिजीवी,आधी आबादी की अधिकारी माता , बहनों को सुखद उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं।
जनवादी महिला समिति की वरिष्ठ नेत्री हरजीत कांदू और लोकतन्त्र रक्षक सेनानी शिवकुमार गुप्ता ने डा,भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर कसैला ग्राम में आयोजित एक विचार गोष्ठी को संबोधित कर कहा कि आज हर दल डा, भीमराव अंबेडकर के नाम पर कसीदे पढ़ रहा हैं। जब की वास्तव में बामपंथी,कबीर पंथियोंऔर मेहनतकश दलित वर्ग तथा ट्रेड यूनियन के जुझारू साथी ही डा, भीमराव अंबेडकर की नीतियों के पोषक रहे।
वक्ताओं ने आगे कहा कि डा, भीमराव अंबेडकर साहेब ने छुआ छूत भेदभाव के विरुद्ध तथा गरीबी,शोषित वंचितों को अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ते रहे।वे विधि विशेषज्ञ, एक राजनैतिक,दलित बौद्ध आंदोलन के जनक रहें।उन्हीं की देन हैं कि शोषितों को आरक्षण मिला ।आज देश में आरक्षण खतरे में हैं।
ओबीसी का अधिकार प्राप्त कांदू कसौधन नागरिकों का पिछड़ी जातियों का प्रमाण पत्र निर्गत करना प्रशासन ने बन्द कर दिया है।आरक्षण विरोधी नीतियों को चुनौती के रूप में स्वीकार करना होगा।विपरीत परिस्थियों में कुरीतियों,अंधविश्वास से लड़ते हुए डा, भीमराव अंबेडकर साहेब ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया था।
25 जून 1975 को देश पर थोपा गया आपातकाल का विरोध करने पर जेलो में बन्द कर उत्पीड़न एवं दमन सहने वाले लोकतन्त्र रक्षक सेनानियों को स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी का दर्जा देने में सरकार कतरा रही हैं।यदि सेनानी न होते गैर कांग्रेसी के साथ ही दो ईंजन की सरकारे आज न होती ।
लोकतन्त्र रक्षक सेनानी श्री गुप्ता ने कहा कि आज लखनऊ दारुलसफा के एक कामन हॉल में लोकतन्त्र रक्षक सेनानियों की एक संगठन का बैठक आहुत की गई है।निश्चित तौर पर अगली रणनीति कोई बने ।कुछ लोकतन्त्र रक्षक सेनानी सुप्रीम कोर्ट में सजदा दिए हुए हैं। अध्यक्षता कर रहे युवा सामाजिक कार्यकर्ता शैलेश कुमार ने कहा कि शोषित समाज की आरक्षड़ बचाने और उनके अधिकार की सुरक्षा के हित में अहिंसात्मक संघर्ष करने पर बल दिया।

