गंगा यमुना में उफान के बाद प्रयागराज सहित कई जनपदों में गहराया बाढ़ संकट,विद्यालय बंद रखने का निर्देश

प्रयागराज(संवाददाता)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा जमुना के जलस्तर में भारी वृद्धि की वजह से बाढ़ के हालात बन चुके हैं। मंगलवार की सुबह तक लगभग 5 लाख से ज्यादा लोगों के प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की गई है।
60 हजार से अधिक लोग बेघर हुए। थोड़ी राहत की बात यह है कि बीते कुछ दिनों से जहां प्रतिदिन एक मीटर से अधिक की बढ़ोतरी हो रही थी, वहीं सोमवार को वृद्धि की रफ्तार धीमी रही, लेकिन थमी नहीं।
ऐसे में फिलहाल अफसर आगे क्या स्थिति होगी इस बारे में कुछ कहने से बच रहे हैं। थमी रफ्तार को देखते हुए मंगलवार से कुछ राहत की उम्मीद जताई जा रही है।
इस बीच सोमवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद अफसरों के साथ बैठक कर बाढ़ राहत के संबंध में जरूरी निर्देश दिए। बाढ़ और लगातार हो रही बारिश को देखते हुए प्रयागराज में 12वीं कक्षा तक के सभी बोर्ड के स्कूल सात अगस्त तक बंद कर दिए गए हैं।
मंगलवार शाम के बाद कुछ और राहत मिल सकती है। वहीं, डिप्टी सीएम ने ब्वॉयज हाईस्कूल व वाईएमसीए स्कूल में बने राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर राहत सामग्री वितरित की। उन्होंने भोजन का अतिरिक्त स्टॉक रखने के साथ ही यह भी कहा है कि जो गांव टापू बन गए हैं, उन्हें भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की तरह माना जाए और वहां पर खाद्य सामग्री पहुंचाई जाए। बिजली की आपूर्ति के लिए जनरेटर का प्रबंध किया जाए।
प्रयागराज जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि जलस्तर बढ़ोतरी की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है, लेकिन अभी जिला बाढ़ की जद में है। राहत और बचाव कार्य जारी है। आवश्यकता के अनुसार तैयारी की जा रही है। आगे जैसी जरूरत होगी, उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा।

