ग्राम सचिव के निलंबन पर अड़े आरतियन ,विभागीय कार्यवाही से संतुष्ट नहीं

आमरण अनशन पर बैठे आर के आरतियन ने दी आत्मदाह की चेतावनी, प्रशासन के हाथ पांव फूले
ग्राम सचिव के निलंबन पर अड़े आरतियन
बस्ती(मार्तण्ड प्रभात संवाददाता)।गौर विकास क्षेत्र के ग्राम पंचायत पतिला के बुजुर्ग की पेंशन रोके जाने के विरोध में विकास भवन पर आमरण अनशन पर बैठे भारत मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष आरके आरतियन द्वारा आत्मदाह किये जाने की चेतावनी के बाद प्रशासन हलचल में आया । हालांकि जानकारी मिलते ही विकास भवन पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार ने वार्ता कर हाल निकलने की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारी दोषी सचिव के निलंबन पर अड़े रहे। जिसको लेकर डीपीआरओ के जिले में उपस्थित न होने की बात कह कर एक दिन का समय मांगा गया है।
आपको बता दे कि गौर विकास क्षेत्र के पतिला ग्राम पंचायत में ग्राम सचिव ने छोटू पुत्र अच्छाइबर को लगभग 6 महीना पहले मृत दिखा कर उसकी वृद्धा पेंशन बंद करवा दी थी। जिसको लेकर अनेकों बार सिफारिश की गई लेकिन कोई कार्यवाही न होने से निराश होकर पीड़ित आर के आरतियन के साथ आमरण अनशन पर बैठना पड़ा।
10 साल से एक व्यक्ति को दिखाया जा रहा था मृत,बंद हो गई है पेंशन
अभी एक मामला सुलझा नहीं था की एक दूसरा मामला आ गया उसी ग्राम पंचायत पातीलवा की रामचरित को पिछले 10 वर्ष से अमृत दिखाया जा रहा है। आज अनशन में बैठे रामचेत पुत्र समय ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि उसको 2015 में ही 2015 में ही ही मृत्यु दिखाकर उसकी पेंशन बंद कर दी गई। जिसको लेकर उसने ब्लॉक से लेकर जिलाधिकारी तक कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आज अनशन मे वार्ता के लिए पहुंचे अधिकारियों ने रामचेत की समस्या को भी तत्काल हल करने का आश्वासन दिया।
आरतियन की मांग है कि मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाये और बुजुर्ग की पेंशन बहाल की जाये। इससे पहले बुधवार को अचानक आरतियन की तबियत बिगड़ने पर उन्हे जिला अस्पताल ले जाया गया। उपचार के बाद वे फिर विकास भवन पहुंचे और उसी स्थान पर फिर से आमरण अनशन शुरू कर दिया।
अधिकारियों ने कार्यवाही के लिये एक दिन का समय मांगा है। समाचार लिखे जाने तक अनशन जारी था। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हे उठाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। हैरानी इस बात की है कि दोषी ग्राम पंचायत सचिव पर कार्यवाही करने की बजाय उसे संरक्षण दिया जा रहा है। अनशन को सैकड़ों लोगों का समर्थन प्राप्त है।

