मरीजों की जान से खेल रहे पंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटर,बिना डॉक्टर हो रहा संचालन

बिना डॉक्टर संचालित हो रहा अल्ट्रासाउंड सेंटर
बस्ती (संवाददाता कुदरहा)। फर्जी और अवैध अस्पतालों और अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ चलाया गया जिला प्रशासन का अभियान महज कागजी कार्यवाही और खानापूर्ति तक सीमित होके रह गया।
जिला प्रशासन से पंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटरों मे मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है । इन अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर ना तो प्रशिक्षित चिकित्सक रहते है और न ही स्टाफ , चिकित्सक के नाम का उपयोग मात्रा रजिस्ट्रेशन के लिए होता है।
लेकिन सही मायने मे मरीजों का अल्ट्रासाउंड अन्य अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा ही किया जाता है।यहां तक कि महिला मरीजों के लिए महिला स्टाफ भी नही होता जिसकी वजह से जहां एक तरफ महिलाओं को सरमिंदगी का सामना करना पड़ता है वही दूसरी तरफ उत्पीड़न की शिकायत भी आती रहती है।
ऐसा नहीं है की विभाग को उसकी जानकारी नहीं है लेकिन विभाग चुप्पी साधे रहता है। सूत्रों की माने तो उनका हिस्सा तय है।
गत दिनों डीएम के आदेश अल्ट्रासाउंड सेंटरों एवं निजी चिकित्सालयों की जांच के निर्देश दिये गये थे। लेकिन समाचार लिखे जाने तक जिम्मेदार अधिकारियों के तरफ से कोई सेन्टर चिन्हित ही नही किया। सब आल इज वेल बता दिया गया।
पत्रकारों के पहुंचने पर गायब मिले डॉक्टर
लगातार ऐसे अल्ट्रासाउंड सेंटरों की शिकायत आने पर पत्रकारों की टीम वास्तविकता को परखने जिले के कुदरहा सरकारी अस्पताल के सामने पीएनडीटी का लाईसेन्स प्राप्त कर आकृति डायग्नोस्टिक सेन्टर मे जहां हैरान कर देने वाला सच कैमरे मे कैद हो गया।
डा0 विनोद कुमार सिंह के नाम और फोटो पर चल रहे पंजीकृत नंबर के साथ आकृति डायग्नोस्टिक सेंटर में मरीजों का अल्ट्रासाउंड तो हो रहा था लेकिन डॉक्टर गायब थे ।पूछने पर पता चला कि संचालक और डॉक्टर दोनो गायब है ।
मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़
आपको बताते चले की पहले भी आकृति डायग्नोस्टिक पर एक व्यक्ति ने फर्जी डॉक्टर के कहने पर गलत अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देने और बिना जांच दो घंटे में लगातार 3 बार रिपोर्ट बदलने का आरोप लगा चुका है। इस में में पुलिस में भी शिकायत दर्ज करवाई गई थी लेकिन बाद में दबाव में शिकायत वापस ले ली गई थी।इस मामले में प्रेगनेट महिला की जान पर बन आई थी। अब ऐसे अल्ट्रासाउंड रिर्पोट क्या गुल खिलाऐंगे भगवान ही जाने।
कुछ ऐसी ही मिलती जुलती स्थिति बगल में चल रहे सिटी डायग्नोस्टिक सेन्टर का भी रहा। यहां पर अपने को कर्ताधर्ता बताने वाला एक आदमी डाक्टर का नाम ही नही बता पाया। ऐसेे अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जिले मे भरतार है। साहबनों की कृपा इन सेन्टरों पर बरसती रहती है ,इनका अवैध धंधा चलता रहता है,मरीजों के जान की तो कोई कीमत ही नही है।
अप्रशिक्षित स्टाफ करते है अल्ट्रासाउंड
एसीएमओ एवं नोडल अधिकारी डा0 ऐ.के. मिश्र ने पूछने पर बताया कि मामला कुछ भी हो हमें अल्ट्रासाउंड सेंटरों के विरूद्व कार्रवाई करने का अधिकार नही है।
इस सम्बन्ध मे जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन से बात की गयी तो उन्होेंने कहा कि यदि ऐसे है तो प्रकरण अत्यन्त गंभीर है औचक छापेमारी और कार्रवाई सीएमओ बस्ती डा0 आर.पी. मिश्रा को सख्त निर्देश दिये गये हैं।
उन्होेंने कहा कि नियम के विरूद्व कार्य करने वाले दोषी बख्शे नही जायेंगे।

