डीलरों पर खाद की कालाबाजारी कराने का आरोपः पूर्व विधायक संजय प्रताप ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र

डीलरों पर खाद की कालाबाजारी कराने का आरोपः पूर्व विधायक संजय प्रताप ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई, खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की मांग
बस्ती(संवाददाता मार्तण्ड प्रभात)।पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर डीलरो द्वारा उर्वरक के कालाबाजारी की शिकायत किया है। आरोप लगाया कि स्थानीय रिटेलरो को खाद डीलरो द्वारा यूरिया खाद के निर्धारित मूल्य से करीब 90 रूपये अधिक मूल्य लेकर उन्हें खाद दिया जा रहा है। ऊपर से सल्फर, जिंग जैसे अन्य उर्वरको को भी खरीदने का दबाव बनाया जाता है। जिससे लाइसेन्सधारी निजी खाद विक्रेताओं के साथ ही आम किसानों का आर्थिक शोषण हो रहा है और वह यूरिया के लिए दर-दर भटकर रहे है।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने कहा है कि रूधौली विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण के दौरान स्थानीय खाद विक्रेताओं द्वारा उन्हें अवगत कराया गया था कि आम किसानों को बेचे जाने वाले यूरिया खाद की कीमत 266 रूपये है जिसमें 15 रूपये भाड़ा भी शामिल है। जबकि डीलरो से यूरिया खाद उन्हें 250 रूपये निर्धारित मूल्य पर प्राप्त होता है। परन्तु वर्तमान समय में डीलर उन्हें प्रति बोरी खाद की कीमत 350 रूपये तक में दे रहे है। जबकि रसीद निर्धारित मूल्य 250 का देते है।
रिटेलरो द्वारा जब डीलर से शिकायत की जाती है तो कम्पनी द्वारा कम खाद की आपूर्ति का हवाला देकर यह कहते है, कि उन्हें 350 रूपये में लेना हो तो ले अन्यथा और भी रिटेलर है जो यूरिया खरीदने के लिए तैयार है। वहीं तमाम किसानों द्वारा उनसे शिकायत की गयी कि निजी खाद की दुकानों से उन्हें 400 रूपये तक प्रति बोरी यूरिया बेची जा रही है। उपर से जिंक व सल्फर खरीदने का भी दबाव बनाया जाता है। जिससे आम किसान परेशान है और उन्हें आर्थिक शोषण का सामना करना पड़ रहा है।
पूर्व विधायक संजय प्रताप ने कहा है कि इस कृत्य से सरकार की छवि धूमिल हो रही है। इससे यह प्रतीत होता है कि इसका मुख्य कारण उर्वरक कम्पनी व स्थानीय डीलर है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि जनपद में उर्वरक डीलर व कम्पनी द्वारा खाद आपूर्ति में किये जा रहे भ्रष्टाचार की गोपनीय जांच कराते हुए संबंधित पर कार्यवाही की जाय जिससे स्थानीय रिटेलरो तथा किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर खाद की आपूर्ति हो सके।

