गौर एमओआईसी के संरक्षण में फल फूल रहे “मुन्ना भाई”

बस्ती।( मार्तण्ड प्रभात)। जिले के ग्रामीणांचलों मे चिकत्सा व्यवस्था पूरी तरह से झोलाछाप कथित डाक्टरों के अधीन हैै। जिसकी मुख्य वजह जिम्मेदारों की उदासीनता या फिर समर्थन है। ऐसे कथित डाक्टर मरीजों के लिए यमराज साबित हो रहे हैं। यह कहना गलत न होगा कि इन क्षेत्रों मे झोलाछाप कथित डाक्टरों द्वारा एक गहरा और पुराना पैठ बना लिया गया है। जिसके आगे जिला प्रशासन भी नतमस्तक है। हो भी क्यों न इनके ही आशीर्वाद से तो तिजोरी भरनी है।
स्वास्थ्य सेवाओं का सच देखने निकली मार्तण्ड प्रभात की टीम ने गौर तथा बभनान मे कवरेज किया। जहां चौंकाने वाले मामले प्रकाश मे आये।
गौर कस्बे मे करीब 42 वर्षें से बिना लाइसेन्स और बिना किसी डिग्री के मरीजों का इलाज कर रहे एक बंगाली बाबू कथित डाक्टर बी.सी. से मुलाकात हुई। बंगाली बाबू दिन भर मे सैकडों मरीजों का इलाज करते हैं। यहां मरीजों को भर्ती करने से लेकर सभी गंभीर रोगों का इलाज करने का दावा किया जाता है। जहां पर मरीजों का भरपूर धनादोहन भी होता है। बी.सी. राय बताते हैं कि हम कोई अपराध नही कर रहे हैं हम केवल मरीजों का इलाज करते हैं। स्वास्थ्य विभाग हमारे बारे अच्छे तरीके से जानता है सबसे मिलना जुलना होता रहता है, बस महीने मे एक बार चढ़ावा चढाना पडता है। कायदे की बात तो ये है की बंगाली बी सी राय साहब का न तो रजिस्ट्रेशन है न ही उनके पास कोई डिग्री है।
ऐसा ही दूसरा दृश्य बभनान कस्बे मे हरैया रोड पर स्थित ओम मल्टीस्पेशियलिटी हड्डी हस्पिटल पर देखने को मिला। जहां हडृडी रोग से लेकर जमाने के सारे रोगों का सफल इलाज करने का दावा ठोंका जा रहा है। यहां पर भी न तो कोई चिकित्सक मौजूद हैं और न ही अस्पताल का पंजीकरण ही है। हां एजेंटोका जमावड़ा जरूर है । यहां पर मरीजों को ठगने के लिए हाई-फाई भौकाल टाइप व्यवस्थाये मौजूद हैं।
संचालक का कहना है कि शीघ्र ही इस अस्पताल को लाइसेन्स मिल जायेगा। इस क्षेत्र मे सैकडों ऐसे मुन्नाभाई हैं। जो मरीजों के जान के दुश्मन बने हुए है। ऐसे लोगों को मरीजोें के जान की चिन्ता नही बल्कि उससे कितने रूपये निकले जा सकते है इस जुगाड मे लगे हुए हैं।
झोलाछापों पर कार्यवाही न होने के सम्बन्ध एमओआईसी गौर डा0 अमरजीत बरई से पूछा गया तो उन्होने दो टूक मे कहा कि मेरे स्तर कार्यवाही सम्भव नही है।ना ही ये मेरा काम है।

