खोया पाया शिविर में हजारों कावड़ भक्तों, बच्चों को एक दूसरे से मिलाया

खोया पाया शिविर में हजारों कावड़ भक्तों, बच्चों को एक दूसरे से मिलाया
बस्ती। श्री भद्रेश्वरनाथ मंदिर में कावड़ यात्रियों की सुविधा के लिये समाचार पत्र वितरक जन कल्याण सेवा समिति द्वारा जय प्रकाश गोस्वामी के संयोजन में संचालित बिछडे, मिले, खोया पाया माध्यम शिविर द्वारा हजारों कांवड़ भक्तों और तेरस के दिन जलाभिषेक करने आये परिवारों को एक दूसरे से मिलाया गया।
पिछले 33 वर्षो से यह सिलसिला अनवरत जारी है। जय प्रकाश गोस्वामी ने बताया कि शुक्रवार की मध्य रात्रि को मंदिर का कपाट खुलने के बाद कांवड़ भक्तों का रेला उमड़ पड़ा था और अनेक कांवड़ उठाने वाले एक दूसरे से बिछड़ गये, पूरी रात उन्हें एक दूसरे से मिलाने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा।
समिति के संरक्षक डा. वीके वर्मा ने कहा कि खोया पाया शिविर की जरूरत हमेशा बनी रहेगी, पिछले 33 वर्षो से जय प्रकाश गोस्वामी द्वारा खोया पाया शिविर का अनवरत संचालन एक उपलब्धि है. बिछड़ों को मिलाना पुनीत कार्य है। मेला, पर्व, त्यौहारों पर खोया पाया शिविर के द्वारा जिस प्रकार से जय प्रकाश गोस्वामी और उनके साथी पूरी निष्ठा से सेवा देते हैं वह अनुकरणीय है।
शिविर को संचालित करने में अनिल दूबे, ब्रम्हदेव यादव ‘देवा’, सिद्धार्थ शंकर मिश्र, बालकृष्ण उर्फ पिन्टू तिवारी, राम अधार पाल, विश्वनाथ जायसवाल, आर.डी. प्रेमी, अमित चौबे, डा. डी.के. गुप्ता, बी.डी. मिश्र, विनोद उपाध्याय, सूर्य प्रकाश शुक्ल, रविशंकर शुक्ल, अरविन्द सिंह, राजेश्वर तिवारी, अभिनव उपाध्याय, सी.ए. अजित चौधरी, मनमोहन श्रीवास्तव ‘काजू’, विनोद शुक्ल, सूर्यमणि पाण्डेय, सन्तोष पाल, अनूप खरे, मुकेश श्रीवास्तव, विजय प्रकाश गोस्वामी, सत्य प्रकाश सिंह, मुक्तेश्वर यादव, मनोज सिंह रानू, सिद्धार्थ सिंह ‘मोनू, महेन्द्र चौधरी, प्रभात सोनी, कुन्दन वर्मा, बब्लू तिवारी, कौशल पाण्डेय, हेमन्त कुमार मिश्र आदि ने योगदान दिया।

