समानता और न्याय के लिए आजीवन संघर्ष करते रहे डा. भीमराव अम्बेडकर -डा. वी.के. वर्मा

समानता और न्याय के लिए आजीवन संघर्ष करते रहे डा. भीमराव अम्बेडकर -डा. वी.के. वर्मा
बस्ती। पटेल एस.एम.एच. हास्पिटल एण्ड आयुष पैरा मेडिकल कालेज गोटवा में संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को उनकी जयन्ती पर याद किया गया। प्रबंधक डा. वी.के. वर्मा ने बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण करते हुये कहा कि बाबा साहेब का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। उन्होंने अपने जीवन के बचपन से ही जाति भेदभाव और असमानता का सामना किया। वे अपने जीवन के अंतिम दिनों तक समाज में अधिकार, समानता और न्याय के लिए संघर्ष करते रहे। भीमराव आंबेडकर ने अपनी शिक्षा के लिए काफी मेहनत की। उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की और अंततः वे लंदन के अंग्रेजी विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के बाद भारत लौटे। भारत लौटने के बाद उन्होंने अपना जीवन सामाजिक सुधार कार्यों में लगा दिया।
बहुजन समाज पार्टी के पूर्व प्रत्याशी बसपा नेता डा. आलोक रंजन वर्मा ने कहा कि भीमराव आंबेडकर ने भारत के संविधान का निर्माण किया। उन्होंने संविधान समिति के अध्यक्ष के रूप में काम किया था। संविधान समिति का काम 1946 में शुरू हुआ था और संविधान का निर्माण 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ था। संविधान भारत की संवैधानिक शासन व्यवस्था है और 26 जनवरी, 1950 को भारत के गणतंत्र की शुरुआत हुई थी। भीमराव आंबेडकर ने दलितों के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने दलितों के खिलाफ हुए सामाजिक भेदभाव के विरोध में अभियान चलाया। उन्होंने अपने दृष्टिकोण से दलित बौद्ध आंदोलन को भी प्रेरित किया और बौद्ध समाज की स्थापना की। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा।
बाबा साहब की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा. मनोज मिश्र, डा. आर.एन. चौधरी, डा. अतुल कुमार श्रीवास्तव, डा. लालजी यादव, डा. आलोक वर्मा, डा. रीतेश चौधरी, डा. चन्द्रा सिंह, डा. अनीता वर्मा, विनय मौर्य, विशाल, सतीश चौधरी, शिव प्रसाद चौधरी, शिवशंकर, मनीष वर्मा, धु्रवचन्द्र, मनोज गुप्ता, सविता श्रीवास्तव, जग प्रसाद, उदयभान, सूरज, राजेश सिंह, शिवशंकर, उत्कर्ष दूबे, डा. श्रवण कुशवाहा, रामस्वरूप, गोल्डी, मनीषा, अतुल, सतीश,

