Monday, July 14, 2025
बस्ती

सावन के सोमवार पर प्रसन्न करे महादेव को जाने कैसे करे पूजा

आस्था और धर्म। आज सावन का पहला सोमवार है। शिव जी का प्रिय सोमवार का दिन बहुत खास माना जाता है। मान्यता है कि जो भक्त सावन के प्रत्येक सोमवार को श्रद्धा से व्रत रखकर भगवान शिव की विधिवत पूजा करता है, उसे जीवन की बड़ी-बड़ी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायक मानी जाती है जो स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हों, जो विवाह में विलंब का सामना कर रहे हों, या जो आर्थिक तंगी या दरिद्रता से घिरे हों।

सावन सोमवार में जलाभिषेक का श्रेष्ठ समय (Sawan Somwar 2025 Pujan Muhurat)

प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त से लेकर प्रदोष काल तक शिव जी की पूजा की जा सकती है। लेकिन जलाभिषेक के लिए विषेश मुहूर्त इस प्रकार है।

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4 बजकर 15 से लेकर 5 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 से लेकर 12 बजकर 50 मिनट तक

प्राइवेट प्रैक्टिसके मामले बर्खास्त हुए केजीएमयू के डॉक्टर https://martandprabhat.com/private-practice-ke-mamle-me-barkhast-huye-kgmu-ke-docter/

सावन के सोमवार की पूजन विधि ( Sawan Somwar Pujan Vidhi)

प्रातः काल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. घर पर ही शिवलिंग स्थापित कर सकते हैं, या नजदीकी शिव मंदिर जाएं. शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से करें।

शिवलिंग पर बेलपत्र, आक-धतूरा, सफेद फूल अर्पित करें। कम से कम 108 बार “ऊं नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। व्रतधारी दिनभर फलाहार कर सकते हैं और शाम को शिव आरती करें।

सायंकाल भगवान के मंत्रों का फिर जाप करें, तथा उनकी आरती करें। अगले दिन पहले अन्न वस्त्र का दान करें तब जाकर व्रत का पारायण करें।

सावन के पहले सोमवार पर विशेष उपाय (Sawan Somwar Upay)

सावन के पहले सोमवार को यदि श्रद्धा और विधिपूर्वक शिव पूजन किया जाए, तो भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामना पूरी करते हैं। खासकर इस दिन किया गया एक छोटा सा उपाय भी जीवन में बड़ा सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। प्रयास करें कि शिव जी की पूजा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त से पहले करें। शिवलिंग पर शांत भाव से जल की धारा अर्पित करें और उसके साथ ताजे बेलपत्र, आक-धतूरा, और सफेद पुष्प भी चढ़ाएं।

पूजा के बाद शिव मंदिर में एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं। यह दीपक घर में समृद्धि, सुख और सकारात्मक ऊर्जा लाता है। शिवलिंग की परिक्रमा कम से कम 7 बार करें और हर परिक्रमा में “ऊं नमः शिवाय” मंत्र का जप करें. अंत में भगवान शिव के चरणों में बैठकर शांत मन से अपनी मनोकामना कहें .

×