अज्जू हिंदुस्तानी के परिवार को 1 करोड़ की आर्थिक और सरकारी नौकरी की मांग को लेकर राणा दिनेश प्रताप सिंह का अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल, प्रशासन के आश्वासन के बाद समाप्त - www.martandprabhat.com
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अज्जू हिंदुस्तानी के परिवार को 1 करोड़ की आर्थिक और सरकारी नौकरी की मांग को लेकर राणा दिनेश प्रताप सिंह का अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल, प्रशासन के आश्वासन के बाद समाप्त

 

बस्ती :-  समाजसेवी राना दिनेश प्रताप सिंह का अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल के दूसरे दिन कल दिन भर चला जिला प्रशासन और अनशनकारी राना के मध्य समझौते और मान मनौव्वल की वार्ता से हल शाम को निकाला जा सका।

उपजिलाधिकारी सदर आशाराम वर्मा और विधायक महादेवा रवि सोनकर जिलाधिकारी का पत्र लेकर अनशन स्थल जयशक्ति आश्रम पहुच श्री राना को आश्वस्त किया कि प्रशासन अज्जू के परिजनों की हर सम्भव सहायता करेगा।

बिधायक ने अपने निजी स्रोतों से भी आर्थिक मदद का भरोसा जताया। प्रभारी जिलाधिकारी सीडीओ सरनित ब्रोका  ने विधायक रवि सोनकर की उपस्थिति में श्री राना से दूरभाष पर वार्ता कर आमरण अनशन समाप्त करने का अनुरोध करते हुए भरोसा दिया कि मांगो को पूर्ण कराने की पूरी कोशिश होगी। इसके पहले दिन में तहसीलदार सदर और कोतवाल द्वारा भारी पुलिसिया लाव लश्कर के साथ अनशन स्थल जाकर जिला प्रशासन की तरफ से चली घण्टों वार्ता विफल हो जाने के कारण अभी बैरंग वायस चले गए थे।

जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के तौर पर सदर एसडीएम ने मांग पत्र लेकर मुख्यंत्री को भेजने और उसका प्रमाण दिंखने के बाद भूख हड़ताल समाप्त करने पर राजी हुए। जिलाधिकारी के माध्यम से मांग पत्र मुख्यमंत्री भेज दिया गया है।इसके बाद एसडीएम ने जलपान करवाकर  भूख हड़ताल समाप्त करवा दिया।

इसके पहले राना दिनेश प्रताप ने कहा है कि वे लम्बे आंदोलन की तैयारी कर के आए हैं और हम किसी जल्दबाजी में  नही है। प्रशासन अपनी गति से मेरी मांगों पर विचार करे और निर्णायक हल की सकारात्मक पहल करे। जब तक  मांगे नहीं मानी जाती भूख हड़ताल जारी रहेगा। 

बताते चले कि कोरोना संक्रमण हो जाने के कारण गत 31 जुलाई को  अज्जू हिंदुस्तानी की पीजीआई लखनऊ में मौत हो गयी थी। कोरोना संक्रमित उनकी सगी बहन अनीता श्रीवास्तव की भी दूसरे दिन बस्ती से रिफर होकर लखनऊ जाते समय रास्ते में मृत्यु हो गयी ।इसके बाद उनकी माता शकुंतला देवी भी जीवन मरण से संघर्ष करते हुए कैली हास्पिटल में कोरोना से जंग हार गईं। 

विगत दो दशकों से सार्वजनिक जीवन से ज़ुड़े सीएम योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाने वाले अज्जू के 70 वर्षीय बृद्ध पिता, विधवा पत्नी और 06 वर्षीय मासूम बालक के अलवा कोई सगा सम्बन्धी नही बचा है जो परिवार की देखभाल कर सके। यही नही अज्जू का  कोई व्यापार अथवा रोजगार नही था और न ही कोई चल अचल संपत्ति ही है जिससे घर परिवार की आवश्यक आवश्यकताओं की भी पूर्ति हो सके।

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