अब नहीं होगी भूसे की किल्लत
गोशालाओं में अब गोवंशीय पशुओ के लिए भूसे की किल्लत नही रहेगी। किसानों के खेत से पुआल एकत्र कर गोशालाओं में चारे हेतु भेजा जायेंगा। प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में 10 हजार मैट्रीक टन भूसा एकत्र करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए जारी शासनादेश में कहा गया है कि पराली संग्रह के लिए मनरेगा अथवा वित्त आयोग की धनराशि का उपयोग किया जायेंगा तथा किसान के खेत से गौशाला स्थल तक ढुलायी पशुपालन विभाग द्वारा किया जायेंगा।
जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने इसकी जिम्मेदारी पशुपालन विभाग को सौपा है। जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को तीन दिन के भीतर पराली संग्रह एवं ढुलान की कार्य योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। उन्होने निर्देश दिया है कि पिछले वर्ष जिन किसानों के खेत में पराली जलाने की घटना सामने आयी है, उनसे सम्पर्क कर पराली संग्रह प्राथमिकता पर कराये जाय।
शासन ने इस वित्तीय वर्ष में पुआल एकत्र कर गोशाला में पशुओ के सुविधा के लिए बिछावन के रूप में प्रयोग करने की अनुमति भी प्रदान किया है। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से निश्चित रूप से खेत मंे फसल अवशेष/पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगेगी। साथ ही पर्यावरण भी प्रदूषित नही होगा।