घर के वरिष्ठ नागरिकों की अनदेखी अब भारी पड़ेगी
बस्ती :- माता-पिता तथा वरिष्ठ नागरिक के भरण-पोषण न करना व्यक्ति को भारी पडे़गा। इसके लिए जिला स्तर पर अधिकरण का गठन कर दिया गया है। उक्त जानकारी जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने दी है। उन्होने बताया कि अधिकरण के चेयनमैन उप जिला मजिस्टेªट है तथा अपीलीय अधिकरण के अध्यक्ष जिला मजिस्टेªट है। वृृद्धजनों के सहायता तथा उनके सम्पत्ति की सुरक्षा के लिए संबंधित थानाध्यक्षों को शासन द्वारा निर्देशित कर दिया गया है।
उन्होने बताया कि प्रायः देखा जाता है कि सन्ताने माता-पिता, दादा-दादी का भरण-पोषण नही करती है तथा तिरस्कृत करती है। ऐसे लोगों की सुरक्षा के लिए अधिकरण का गठन किया गया है। कोई भी पीड़ित व्यक्ति तहसील मेे स्थापित अधिकरण में भरण-पोषण भत्ता के लिए आवेदन कर सकते है। अधिकरण के आदेश का पालन यदि प्रत्यर्थी द्वारा नही किया जाता है तथा मासिक भत्ता वृद्धजनों को नही दिया जाता है तो वह कारावास तथा जुर्माने से दण्डित किया जायेंगा।
उन्होने बताया कि आवेदन का प्रारूप ‘क‘ कार्यालय से प्राप्त करके उसे भरकर अधिकरण में जमा कर सकते है। आवेदन प्राप्त करने के उपरान्त प्रत्यर्थी/विपक्षी को नोटिस भेजा जायेंगा। प्रत्यर्थी नोटिस प्राप्त कर अधिकरण में उपस्थित होकर समुचित जवाब देंगा। यदि प्रत्यर्थी सुलह करना चाहेंगा तो मामले को सुलह अधिकारी के पास भेज दिया जायेंगा। सुलह अधिकारी सुलह कराने का प्रयास करेंगे। सुलह हो जाने पर प्रारूप ‘च‘ व ‘छ‘ भरकर अधिकरण को भेज दिया जायेंगा। असहमति होने पर प्रारूप ‘ज‘ भरकर अधिकरण को प्रेषित किया जायेंगा।
उन्होने बताया कि आवेदक व प्रत्यर्थी में यदि सुलह नही होता है तो अधिकरण प्रत्यर्थी के आर्थिक स्थिति के अनुसार रू0 10 हजार तक का भरण-पोषण भत्ता प्रतिमाह के हिसाब से निश्चित कर देंगा। प्रत्यर्थी यदि अधिकरण के निर्णय से असंतुष्ट है तो वह अपीलीय अधिकरण में प्रारूप ‘झ‘ भरकर अपील कर सकता है।
उन्होने बताया कि निराश्रित वृद्धाजन, अशक्त वृद्धजन, राजकीय वृद्धाश्राम बनकटा बस्ती में शरण ले सकते है, जहाॅ उनके भोजन, वस्त्र, आवास, चिकित्सा सेवा, मनोरंजन आदि की समुचित व्यवस्था है।