जिसने जन्म लिया है वर्मा उसे एक दिन मारना होगा – वीके वर्मा की कलम से
कवि और चिकित्सक डॉ वी के वर्मा द्वारा लिखित
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जिसने जन्म लिया है “वर्मा”
उसे एक दिन मरना है।
भांति – भांति के परिवर्तन से,
हमें तनिक ना डरना है।
जो खिलता है फूल चमन में,
उसे कभी मुरझाना है।
सुबह निकलता है जो सूरज,
शाम उसे ढल जाना है।
होता है उत्थान अगर तो,
पतन सुनिश्चित होता है।
जो अपने घमंड में हंसता,
वही एक दिन रोता है।
कोरोना का आज उदय है,
पर कल होगा इसका नाश।
पतझड़ के ही बाद यहां पर,
आएगा “वर्मा” मधुमास।
2-
आर्सेनिक एल्बम तीस का,
करिए इस्तेमाल।
कोरोना से रहेंगे,
नहीं आप बेहाल।
एंटीजन टू नेट औ आर टी पी सी आर,
यह ही सचमुच जांच का है “वर्मा” औजार।
होम्योपैथी दवा से “वर्मा”,
करो कोरोना का उपचार।
बनी रहे शारीरिक दूरी,
करो हृदय से दूर विकार।
होम्योपैथी पद्धति से ही,
“वर्मा” रहो सदा निरोग।
अब जीने की कला सीख लो,
करो निरंतर प्रातः योग।