ट्यूबरक्लोसिस (टीवी) रोग खोजने के अभियान पर जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने तेजी लाने का दिया निर्देश
ट्यूबरक्लोसिस (टीवी) रोगी खोज अभियान में 04 दिन के भीतर मात्र 26 रोगी खोजने पर जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन में असंतोष व्यक्त करते हुए खोज अभियान में तेजी लाने का निर्देश दिया है। विकास भवन सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक दिन ओपीडी में आने वाले खांसी के रोगियों का बलगम जांच कराने के लिए डॉक्टर रेफर करें। इसके साथ ही गांव में आशा प्रत्येक घर जाकर सुबह के समय संदिग्ध रोगियों का बलगम लेकर जांच के लिए सेंटर पर भेजें। इसके लिए उन्होंने नोडल अधिकारी डॉ० सीएल कन्नौजिया को निर्देशित किया कि जेल के भीतर भी कैदियों का बलगम लेकर जांच कराएं। समीक्षा में उन्होंने पाया कि 02 नवंबर से शुरू हुए इस अभियान में 473 सैंपल गए हैं। इस अभियान के अंतर्गत केवल 10 प्रतिशत आबादी में ही बलगम की जांच कराना है।
समीक्षा में उन्होंने पाया कि ओपीडी में 190872 रोगी आए जिसमें से 3079 का बलगम जांच कराया गया। निश्चय योजना के तहत टीवी रोग का इलाज करा रहे हैं, केवल 1551 रोगियों को पुष्टाहार के लिए रु० 500 की धनराशि भेजी गई है, जबकि जिले में कुल 3314 टीबी रोगी का इलाज चल रहा है। इसमें से 2252 का बैंक डिटेल प्राप्त किया गया है। जिलाधिकारी ने शेष मरीजों का बैंक डिटेल प्राप्त कर धन भेजने का निर्देश दिया है।
राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत अभी तक चश्मा खरीद किए जाने का टेंडर न किए जाने पर जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने इसके प्रभारी डॉ० सीएल कन्नौजिया को निर्देश दिया कि वृद्धा आश्रम तथा बाल संरक्षण गृह में रह रहे लोगों का नेत्र परीक्षण कराकर, उन्हें प्राथमिकता पर चश्मा वितरित कराएं। गुटखा, पुकार या अन्य प्रकार का नशा करने वाले लोगों को इससे मुक्त कराने के लिए निकोटिनगम न खरीद किए जाने पर भी जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त किया तथा इसको शीघ्र खरीद करके नशा करने वाले लोगों के बीच वितरण कराने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि आशा एवं अन्य संविदा कर्मियों का मानदेय माह की पहली या दूसरी तारीख को अवश्य भुगतान कर दिया जाए। इसमें किसी प्रकार का विलंब नहीं होना चाहिए। सभी एमओआईसी समय से इन कर्मियों का बिल एवं उपस्थिति रिकॉर्ड समय से मुख्यालय को उपलब्ध करा दें। उन्होंने वित्त अधिकारी को निर्देश दिया कि जिले के सभी 273 उप केंद्रों की साफ-सफाई के लिए दिया जाने वाला रु०500 की धनराशि समय से उपलब्ध कराएं। समीक्षा में उन्होंने पाया कि जिले की 1697 ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति में से 1544 के खाते में ही धन हस्तांतरित किया गया है। शेष 153 समितियों के खाते अभी तक नहीं खुले हैं। उन्होंने सभी एमओआईसी को निर्देश दिया कि संबंधित आशा एवं ग्राम प्रधान का संयुक्त खाता खुलवाएं, ताकि इसमें भेजी गई धनराशि से गांव में साफ-सफाई एवं पोषण के लिए कार्य किया जा सके।
जिलाधिकारी ने आशाओं के मानदेय के भुगतान की स्थिति पर भी असंतोष व्यक्त किया। समीक्षा में उन्होंने पाया कि राज्य स्तर पर औसतन एक आशा को 4400 से अधिक रुपए की मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। कहीं-कहीं पर तो या 5200 से भी अधिक है। जबकि जिले में यह 4590 रुपए ही है।
बैठक में सीडीओ सरनीत कौर ब्रोका ने कहा कि शासन से विभिन्न मदों में प्राप्त धनराशि का समय से खर्च किया जाना सुनिश्चित करें। विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों में तथा कोविड-19 के लिए प्राप्त धनराशि का अभी तक व्यय नहीं किया गया है, जबकि वित्तीय वर्ष के 08 माह बीत गए हैं। उन्होंने कैली अस्पताल को दिए जाने वाली धनराशि भी शीघ्र मुक्त करने का सीएमओ को निर्देश दिया।
बैठक का संचालन राकेश पांडे ने किया। इसमें सीएमओ डॉ० एके गुप्ता, डॉ० सीके वर्मा, डॉ० फखरेयार, डॉ० सीएल कन्नौजिया, डॉ० सुषमा सिन्हा, डॉ० रोचस्पति पांडे, डॉ० विजय यादव, डॉ० स्मृति, डॉ० स्वाति त्रिपाठी, डॉ० आईए अंसारी एवं मेडिकल ऑफिसर गण उपस्थित रहे।