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प्रदेश में खुले आम लोकतंत्र की हत्या हो रही है- महेन्द्रनाथ यादव

बस्ती :- समाजवादी पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव के नेतृत्व में जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। सरकार विरोधी नारे और हाथों में तख्तियां लिये सपा नेता हत्या, बलात्कार, आदि के सवालों को लेकर एकत्र हुये और एक स्वर से कहा कि भाजपा सरकार में कानून का राज खतरे में है।

सपा जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ ने ज्ञापन सौंपते हुये कहा कि हाथरस, बलरामपुर, बाराबंकी, बलिया, कुशीनगर, नोएडा सहित प्रदेश के अनेक जनपदों में आये दिन हत्या, बलात्कार, लूट, डकैती की घटनाओं पर नियत्रंण कर पाने में भाजपा सरकार पूरी तरह से विफल है। कहा कि जिस प्रकार से बलिया के भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह दिन दहाड़े एसडीएम, थानाध्यक्ष व पुलिस कर्मियों के सामने एक व्यक्ति की हत्या मामले में हत्यारोपी के पक्ष में जातिवादी बयानबाजी कर रहे हैं उससे भाजपा का वास्तविक चेहरा सामने आ गया है।

सपा जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून के राज की जगह जंगलराज है और भाजपा के अनेक जन प्रतिनिधि हत्यारों को संरक्षण दे रहे हैं। प्रदेश में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। राज्यपाल को मामलों को संज्ञान में लेकर तत्काल प्रभावी कदम उठाना चाहिये।

राज्यपाल को भेजे ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर है, बेलगाम अपराध और बेखौफ अपराधी सत्ता संरक्षण में पल रहे हैं, हर तरह भय, आतंक का माहौल है। भाजपा राज में महिलायें, बेटियां असुरक्षित हैं। विकास नहीें यूपी अपराध के क्षेत्र में प्रथम स्थान की ओर बढ रहा है। हाथरस, बलरामपुर, गोरखपुर, आजमगढ, बुलन्दशहर, भदोही, लखनऊ, बाराबंकी, बागपत, मेरठ, फतेहपुर, अलीगढ, उन्नाव, लखीमपुर खीरी, मथुरा, महराजगंज, प्रयागराज, पीलीभीत आदि जनपदों में हैवानियत की शर्मनाक घटनायें घटी है। पुलिस, प्रशासन सत्ता संरक्षण के आगे असहाय है। भाजपा सरकार की विफलता से स्पष्ट हो गया है कि यह सरकार अपने वायदों पर खरा नहीं उतर रही है। प्रदेश में खुले आम लोकतंत्र की हत्या हो रही है।

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ज्ञापन सौंपने वालों में पूर्व विधायक जितेन्द्र कुमार उर्फ नन्दू चौधरी, चन्द्रभूषण मिश्र, अली अहमद, सुरेन्द्र सिंह छोटे, सिद्धेश कुमार, जावेद पिण्डारी, समीर चौधरी, यज्ञेश पाण्डेय, दीनानाथ चौरसिया, अरविन्द सोनकर, रन बहादुर यादव, मो. सलीम, मो. उमर, राजेन्द्र चौधरी, अनवर हुसेन, गुलाम गौस, राजवन्त यादव, वृजेश मिश्रा, घनश्याम यादव, सुमन सिंह, कुमकुम भारती, विजय विक्रम आर्य, इन्द्रजीत यादव, राम उजागिर गौतम, तिलकराम चौधरी, मो. जावेद, अभिषेक उपाध्याय, अखिलेश यादव, भोला पाण्डेय, युनूस आलम, मो. सलीम, शफीक अंसारी, जर्सी यादव, जहीर अहमद, पवन मोदनवाल, सोनू गौतम, इरशाद, राम गोपाल कसौधन, आशुतोष चौधरी, मो0 स्वालेह, अब्दुल मोईन, रहमान, कपिलदेव यादव, सुशील यादव, रामकेश यादव, बब्लू निषाद, श्याम यादव, अभिषेक यादव, चन्द्र प्रकाश कन्नौजिया, रामचन्दर यादव, जितेन्द्र यादव, रजनीश यादव, मो. हारिश, प्रधान तूफानी, राजेन्द्र चौरसिया, श्याम सुन्दर यादव, खालिक रजा, अमित यादव, प्रशान्त यादव, ज्ञान चन्द्र चौधरी, निसार अहमद, फूलचन्द्र श्रीवास्तव, श्याम सुन्दर चौहान के साथ ही सपा के अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल रहे।

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