मां ब्रह्मचारिणी का दिन , द्वितीया

नवरात्रि में दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी का है उनका स्वरूप उनके नाम के जैसा शांत है ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ होता है- आचरण करने वाली। यानी तप का आचरण करने वाली। मां ब्रह्मचारिणी के दाएं हाथ में जप माला और बाएं हाथ में कमंडल सुशोभित है।
ऐसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-
मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी को श्वेत रंग प्रिय है।
इसलिए माता की पूजा के दौरान सफेद रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। मां को सफेद वस्तुएं जैसे शक्कर, मिश्री या पंचामृत का भोग लगाएं। मां ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद पाने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।
शारदीय नवरात्रि द्वितीया तिथि-
17 अक्टूबर रात 9 बजकर 8 मिनट प्रारंभ होकर 18 अक्टूबर शाम 5 बजकर 27 मिनट तक रहेगी।
मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र-
नवरात्रि के दूसरे मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के दौरान नीचे बताए गए मंत्र का जाप करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है-
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
मंत्र- ऊं ब्रह्मचारिण्यै नम:

