सचिवालय में फर्जीवाड़ा
लखनऊ:- सचिवालय में बीते सालों में एक दर्जन से ज्यादा फर्जीवाड़े सामने आये। हर बार बड़ों पर हाथ डालने का पुलिस साहस नहीं जुटा सकी। इससे एक के बाद एक फर्जीवाड़े होते रहे। पशुधन फर्जीवाड़ा, नमक सप्लाई के नाम पर जालसाजी…और अब सचिवालय के अनुभाग अधिकारी की मिलीभगत से करोड़ों का फर्जीवाड़ा। यह तो तीन महीने में सामने आया..। पशुधन फर्जीवाड़े में मंत्री के निजी सचिव के दफ्तर में पूरा फर्जीवाड़ा हुआ लेकिन मंत्री के बयान नहीं लिये गए। एक आईएएस अफसर का भी नाम आया पर वह भी बयान देने नहीं आये। कार्रवाई के दायरे में आये एक आईपीएस अधिकारी नोटिस के बाद भी बयान देने नहीं आये।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया बीते वर्षों में विधानभवन स्थित सचिवालय में अफसरों की मिलीभगत से एक गिरोह ने 30 लोगों की भर्ती परीक्षा सचिवालय के अंदर करा डाली। अभ्यर्थी आये और बाकायदा उनके पास प्रवेश पास था। ये सब एक कमरे में परीक्षा भी दे दिये और किसी ने रोका तक नहीं।अभ्यर्थियों को नौकरी नहीं मिली तो परीक्षा का भंडाफोड़ हुआ। इस गिरोह के तीन-चार लोग पकड़े गए और सरगना व मिलीभगत में शामिल सचिवालय के अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पशुधन फर्जीवाड़ा और नमक सप्लाई के नाम पर हुए फर्जीवाड़े की जांच में मंत्री, आईपीएस अधिकारी और सचिवालय के कई कर्मचारियों पर उंगली उठी। 10 लोग गिरफ्तार भी हुए। लेकिन निजी प्रधान सचिव, निजी सचिव को पकड़ा गया पर मंत्री व आईपीएस अरविन्द सेन से पूछताछ नहीं हो सकी। अरविन्द सेन नोटिस देने के बाद बयान देने नहीं आये। वहीं पशुधन मंत्री जय प्रकाश निषाद से पूछताछ का दावा रोजाना किया जा रहा है। पहले विवेचक रहे एसीपी संतोष कुमार सिंह यही कहते रहे कि मंत्री के बयान जल्दी ही लिये जायेंगे। इस समय विवेचना कर रही एसीपी श्वेता श्रीवास्तव का कहना है कि जांच चल रही है। सभी के बयान होंगे।