4 साल से नहीं बढ़ा गन्ने का मूल्य, मूल्य बढ़ाने की मांग
बस्ती :- सहकारी गन्ना समिति मुण्डेरवा के निवर्तमान चेयरमैन एवं भारतीय किसान यूनियन के मण्डल उपाध्यक्ष दिवान चन्द पटेल ने केन्द्र की मोदी कैबिनेट द्वारा 60 लाख टन चीनी निर्यात करने एवं इससे होने वाली कमाई, इसकी सब्सिडी को सीधे 5 करोड़ किसानों के खाते में डाले जाने के निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि यह देश के गन्ना किसानों के साथ नया धोखा है। पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने की नीयत से सरकार ने एक किसान विरोधी कदम उठाया है। भाकियू नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले 4 वर्षो से गन्ना मूल्य में कोई बढोत्तरी नहीं की गई जबकि खाद, बिजली, कीटनाशक, कृषि यंत्र, मजदूरी में वेतहाशा वृद्धि हुई है।
प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से भाकियू नेता दिवान चन्द पटेल ने कहा कि यदि सरकार की नीयत साफ होती तो गन्ना मूल्य मेें वृद्धि की जाती। किसानों का अरबो रूपया चीनी मिलों पर बकाया है, जो मिले न्यायालय के आदेश के बावजूद वर्षो से गन्ना मूल्य भुगतान नहीं कर रही है वे सब्सिड़ी का धन गन्ना किसानों के खाते में कैसे पहुंचा देंगी। कहा कि एक तरफ तो सरकार किसानों की आय दो गुनी करने की बात करती है दूसरी ओर 4 वर्षो से गन्ना मूल्य में कोई बढोत्तरी नहीं की गई । यदि सरकार की नीयत साफ तो लागत मूल्य जोड़कर गन्ना मूल्य 450 रूपये क्विंटल तंय करे और प्रजातियों के नाम पर गन्ना रिजेक्ट कर देने के चीनी मिलों के खेल पर लगाम लगाकर व्याज समेत गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जाय।