लाइफ लाइन हॉस्पिटल का मामला पहुंचा कमिश्नर तक, गुरुवार को सील हुआ था हॉस्पिटल का अवैध एनआईसीयू

बस्ती।(मार्तण्ड प्रभात)। जनपद में लाइफ लाइन हॉस्पिटल का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा । लाइफ लाइन हॉस्पिटल पर कार्यवाही न होने से छुब्ध कार्यकर्ताओं और पीड़ितो ने गुरुवार को दुबारा से धरना प्रदर्शन करने के बाद सक्रिय हुए प्रशासन ने एनआईसीयू को सील कर डॉक्टर तारिक पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कार्यवाही का निर्देश दे दिया था।
अवैध रूप से चल रहा था नवजात गहन चिकित्सा इकाई
गुरुवार को डीएम अंद्रा वामसी के निर्देश पर लाइफ लाइन हॉस्पिटल में चल रहे अवैध नवजात गहन चिकित्सा इकाई तत्काल बंद करने तथा उनके विरुद्ध एफआईआर करने का निर्देश दिया गया था । जिसके बाद अवैध रूप से चल रहा था नवजात गहन चिकित्सा इकाई एनआईसीयू मानक के अनुरूप न होने से उसको सील कर दिया गया है ।सूत्रों की माने तो जांच में एनआईसीयू का अवैध संचालन पाया गया था जिसका कोई भी रजिस्ट्रेशन हॉस्पिटल संचालक द्वारा नही करवाया गया था । वही दूसरी तरफ मुकदमा दर्ज कर मामले को जांच के लिए भेज दिया गया है।
लाइफ लाइन हॉस्पिटल में हुई नवजात की मौत के बाद दो बार हुई जांच के बाद डीएम अंद्रा वामसी ने बुधवार को रिपोर्ट सौप दी गई थी । लेकिन पीड़ितो की मांग हॉस्पिटल थी कि हॉस्पिटल सील किया जाय जो नही हुआ। जिसको लेकर पीड़ितो ने शुक्रवार को कमिश्नर को शिकायतपत्र दे कर न्याय की मांग करते हुए हॉस्पिटल को सील करने की मांग की।
आपको बता दे कि पीड़ित अशोक यादव का कहना है कि अस्पताल में मेरी पत्नी ने 31 अक्तूबर को एक बच्चे को जन्म दिया। बाद में नवजात की तबीयत खराब होने पर लाइफ लाइन हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। डॉक्टर ने भर्ती कर लिया लेकिन मां को दूध भी नहीं पिलाने दिया। पूछने पर डॉक्टर कहते रहे कि बच्चा ठीक है। सात नवंबर को डॉक्टर ने कहा कि बच्चे की तबीयत ठीक नहीं है । 25 हजार जमा करके बच्चे को ले जाओ। इसके बाद बच्चे को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ले जाकर भर्ती करवाया, वहीं 10 मिनट के बाद बच्चे की मौत हो गई। जिसको लेकर दो महीने से जांच चल रही थी।
पीड़ित अशोक की माने तो जांच के नाम पर सीएमओ कार्यालय मात्र धनुगाही कर रहा है। उनका आरोप है कि बच्चे की मृत्यु यहां के डॉक्टर की लापरवाही से हुई है। इसके अलावा रवि कुमार व दीपक कुमार ने भी अस्पताल के डॉक्टर पर आरोप लगाया कि उनकी लापरवाही से बच्चे की मौत हो गई। इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब बजरंग दल ने सीएमओ कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद डीएम ने इस मामले में सीएमओ डॉ. आरएस दूबे को जांच का निर्देश दिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम एसडीएम सदर गुलाब चंद्र के साथ मौके पर पहुंच अस्पताल को बंद करने का निर्देश दिया था। इसके बाद डीएम ने चार सदस्यीय टीम एसडीएम सत्येंद्र कुमार के नेतृत्व में बनाई थी । टीम में मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक डॉ. अनिल यादव आईएमए के अध्यक्ष डॉ. नवीन श्रीवास्तव व तथा डॉ. विनोद कुमार के साथ मौके पर जाकर निरीक्षण किया। निरीक्षण में अस्पताल में तमाम खामियां पाई गई।
हॉस्पिटल में तमाम कामिया मिलने के बाद भी सीएमओ कार्यालय द्वारा हॉस्पिटल के विरुद्ध कोई कार्यवाही न करना कही न कही कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ जाती है।
पीड़ित अशोक यादव ने बताया यदि हॉस्पिटल सील नही हुआ तो मुख्यमंत्री तक जायेंगे।

