इलाज में लापरवाही मामले में डॉक्टर वी के वर्मा पर लगे आरोप खारिज ,कोर्ट ने रद्द की याचिका

इलाज में लापरवाही मामले में डॉक्टर वी के वर्मा पर लगे आरोप खारिज ,कोर्ट ने रद्द की याचिका
अधीनस्थ न्यायालय पहले ही कर चुका था बाद खारिज
बस्ती, 30 सितम्बर(मार्तण्ड प्रभात)। गोटवा स्थित पटेल एस.एम.एच. हॉस्पिटल के संस्थापक डा. वी.के. वर्मा पर लगा इलाज में लापरवाही के आरोप संबंधी वाद जिला सत्र न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया। इससे पहले अधीनस्थ न्यायालय ये बाद खारिज कर चुका है।
मामले में पहले ही सीएमओ द्वारा जांच के बाद निर्दोष पाए जाने के बाद शिकायत का निस्तारण करते हुए रिपोर्ट लगा दी थी। रिपोर्ट में डॉक्टर को पर लगे आरोप खारिज कर दिए गए थे।
मामले की पैरवी अधिवक्ता रामकृपाल चौधरी कर रहे थे। उन्होने कहा सिविल और आपराधिक कानून में लापरवाही अलग होती। इससे घबराना नही चाहिये।
आपको बता दें हरैया थाना क्षेत्र के महुआपार निवासी लाल साहब सिंह पुत्र दौलत सिंह ने डाक्टर वी.के. वर्मा पर आरोप लगाते हुये वाद दाखिल किया था कि उनकी मां के इलाज के दौरान डाक्टर ने गलत तरीके से वीगो लगाया, जिससे उनकी स्थिति काफी गंभीर हो गई और आगे चलकर हाथ काटना पड़ा। हालांकि वादी ने उपरोक्त मामले में स्वतः स्वीकार किया था कि उसने डाक्टर की इजाजत के बगैर अपनी मां को अस्पताल से निकाल लिया था और दूसरे अस्पताल में ले जाकर इलाज करवाया।
जिला एवं सत्र न्यायालय ने वाद को खारिज कर दिया। इससे पहले अधीनस्थ न्यायालय से उपरोक्त वाद को खारिज किया जा चुका था।
उपरोक्त मामले की पैरवी कर रहे वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता रामकृपाल चौधरी ने कहा ऐसे मामलों में घबराना चाहिये। सिविल और आपराधिक कानून के मामलों में लापरवाही अलग अलग होती है। डाक्टर को अपने पेशे से ाफी लगाव होता है, वह जानबूझकर मरीज के साथ कोई लापरवाही नही कर सकता जिससे उसकी छबि खराब हो और उसके पेशे पर इसका दुष्प्रभाव पड़े। इसलिये वह हर मरीज का बेहतर उपचार करता है।
उपरोक्त मामले में भी डाक्टर वी.के. वर्मा ने मरीज के उपचार में हर संभव कोशिश की और बेहतर किया। तीमारदार की मनमानी भी मरीज को खराब स्थिति में ले जाने का कारण हो सकती है। वादी द्वारा दाखिल बाद में मरीज को बिना डॉक्टर की जानकारी के दूसरे हॉस्पिटल में ले जाने का जिक्र है।

