आज का पंचांग
शुभ मास- तृतीया तिथि (जया तिथि ) दोपहर 2 बजकर 08 मिनट तक तत्पश्चात चतुर्थी रिक्ता संज्ञक तिथि आरम्भ। तृतीया तिथि में सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य, विवाह, प्रतिष्ठा, अन्नप्राशन, यज्ञोपवीत, उत्सव, यज्ञादि कार्य विशेष शुभ माने जाते हैं।
विक्रमी सम्वत् : 2077, कार्तिक प्रविष्टे: 3, राष्ट्रीय शक सम्वत्: 1942, दिनांक: 27 (आश्विन), हिजरी साल : 1442, महीना : रबि-उल-अव्वल, तारीख: 1,
सूर्योदय: प्रात: 6.37 बजे,
सूर्यास्त: सायं 5.47 बजे
नक्षत्र: अनुराधा (19-20 मध्य रात 3.53 तक) तथा तदोपरांत नक्षत्र ज्येष्ठा,
योग आयुष्मान ( दोपहर 1.18 तक) तथा तदोपरांत योग सौभाग्य,
भद्रा शुरू होगी (19-20 मध्य रात 12.43 पर)
जन्म फल
तृतीय तिथि मे जन्मे जातक प्रमादी, धनवान, बुद्धिवान, भाग्यवान,पराक्रमी होते हैं।
अनुराधा “मृदु ” संज्ञक नक्षत्र रात्रि 3 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. अनुराधा नक्षत्र मे विवाह, जनेऊ, यात्रा, अलंकार, तथा अन्य शुभ कार्य व मांगलिक कार्य शुभ माने जाते हैं. अनुराधा नक्षत्र मे जन्मा जातक सुन्दर, साहसी, व्यापार निपुण, धनवान, बुद्धिमान होता है।
चन्द्रमा – सम्पूर्ण दिन वृश्चिक राशि में रहेें
व्रतोत्सव – सर्वार्थसिद्धि योग
राहुकाल – प्रातः 7.30 बजे से 9 बजे तक
दिशाशूल – सोमवार को पूर्व दिशा मे दिशाशूल रहता है. यात्रा को सफल बनाने लिए घर से दूध पी कर निकले.
आज के शुभ चौघड़िये – सूर्योदय से प्रातः 7.57 तक अमृत, प्रातः 9.22 मिनट से पूर्वाह्न 10.47 मिनट तक शुभ और दोपहर 1.37 मिनट से सूर्यास्त तक चर, लाभ, अमृत का चौघड़िया.