उचित मुआवजे के लिये जरूरत पड़ी तो सर्वोच्च न्यायालय तक जाएंगे — सिद्धार्थ सिंह
बस्ती :- श्रीराम जानकी मार्ग एनएच-227 ए पर बिना किसानों की भूमि का मुआवजा दिये जबरिया सड़क निर्माण करा लेने के मामले में सोमवार को जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने किसानों के प्रतिनिधि मण्डल के साथ वार्ता किया। किसानों की ओर से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं उ.प्र. आवास विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह ने जिलाधिकारी के समक्ष तथ्यों को रखा और लिखित ज्ञापन सौंपा।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि श्रीराम जानकी मार्ग एनएच-227 ए के मामले में जिन किसानों को मुकदमा दर्ज किये गये हैं उन्हें तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाय। उन्होने प्रोजेक्ट मैनेजर को निर्देश दिया कि सड़क और पटरी मिलाकर कुल 12 मीटर पर ही निर्माण करें यदि 12 मीटर से अधिक पर निर्माण हुआ तो मुकदमा दर्ज कराया जायेगा। और बस्ती सदर और हर्रैया तहसीलों पर प्रोजेक्ट मैनेजर एनएच 227 ए द्वारा नोटिस बोर्ड पर इस बात को स्पष्ट किया जाय कि श्रीराम जानकी मार्ग पर 12 मीटर तक की सड़क निर्माण चल रहा है।
इस पर किसान प्रतिनिधि मण्डल ने अपनी आपत्ति दर्ज कराया कि 12 मीटर की परिधि में अनेक किसानों की जमीन समाहित है इसकी सुरक्षा जिला प्रशासन द्वारा किया जाय। मुआवजे को लेकर नेशनल हाईवे ने स्थिति स्पष्ट नहीं किया। बैठक में किसानों को मुआवजे को लेकर स्थिति स्पष्ट नही हो पाई।
सपा नेता सिद्धार्थ सिंह ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि किसान मुआवजे के लिये अपना संघर्ष जारी रखेंगे और जरूरत पड़ी तो उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जायेगा।
वार्ता में जिलाधिकारी के साथ ही एडीएम, बस्ती सदर एवं हर्रैया के उप जिलाधिकारी, एनएच के प्रोजेक्ट मैनेजर, किसानों के प्रतिनिधि मण्डल में सभाजीत चौधरी, सुशील सोनी, परशुराम यादव, राम कृपाल सिंह शामिल रहे।