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उमरिया गांव में सरकार की योजनाओं को लगाया जा रहा है पलीता

   बस्ती :- बहादुपुर विकास खण्ड के उमरिया ग्राम पंचायत में वित्तीय अनियमितताओं व भ्रष्टाचार को लेकर ग्रामीण सुधा पाण्डेय के नेतृत्व में जिलाधिकारी से मिलकर शिकायत किया था और जांच करवाकर कारवाही करने  की मांंग की थी।

दिये गये शिकायती पत्र में उठाए गए मुद्दों की सच्चाई जानने के लिए पत्रकारों की एक टीम मौके पर जब पहुंची तो ग्रामीणों ने अपनी समस्या गिनाना शुरू कर दिया।

 

ग्रामीणों का कहना है कि दर्जनों की संख्या में शौचालय अधूरे पड़े है। पहली किस्त का ही काम होता है दूसरी किस्त प्रधान ले लेते है। पूरा ना होने से शौचालय अनुपयोगी साबित हो रहे है।

दिलीप ने बताया कि उसे शौचालय का मात्र 6000 रुपए ही मिले बाकी पैसा प्रधान ने देने से मना कर दिया।यही कहना रीता देवी का भी है इनको भी मात्र एक किस्त ही मिली।

यही हाल प्रधानमंत्री आवास योजना का है । अपने चहेतों को पात्रता के बिना ही आवास बांट रखा है और पात्रों को कोई आवास नहीं मिला है। लोग झोपड़ियों में रहने को मजबूर है। आवास के नाम पर मिला पैसा भी प्रधान हड़प जाते है।एक ही घर में तीन आवास दिया गया है जबकि उनके पास पहले से पक्का मकान था।

महिला ज्ञानमती देवी को आवास के नाम पर मात्र 40000 हजार रूपए ही मिले ,महिला का आरोप है कि बाकी पैसे प्रधान ने नहीं दिए और बताया की इतना ही मिलेगा ।

तालाबों के सौंदर्यीकरण में भी जमकर बंदरबांट किया गया है।राम मूरत और चंद्रशेखर के बगल स्थिति तालाब के सुंदरीकरण के नाम पर लाखो रुपए लिए गए।जबकि पोखरे बदहाली की स्थिति में है। खुदाई ,सफाई और देख रेख करने के स्थान पर सब कुछ कागज में दिखा कर भुगतान ले लिया गया।

ग्रामीण नेबुलाल ने बताया की उसकी पैतृक जमीन पर भी तालाब दिखा कर खुदाई आदि का पैसा निकाला गया है।जबकि वहां कभी कोई तालाब नहीं था।

इसके अतिरिक्त  देवी स्थान के सुंदरीकरण का भी पैसा लिया गया जबकि उसका निर्माण सुधा पांडेय ने अपने पैसे से करवाया था।इसकी जानकारी पुजारी राम कुमार पांडेय ने पत्रकारों को दी।

कृष्णा देवी ने बताया कि उन्होंने मनरेगा में काम किया था लेकिन उनको मनरेगा की मजदूरी नहीं मिली है और फर्जी  मास्टररोल पर भी भुगतान लिया गया है और काम करने वालो को 6 महीने से भुगतान नहीं दिया गया है।

शिकायत कर्ता सुधा पांडेय के साथ ग्रामीणों ने बताया की बहुत प्रयत्न के बाद आरटीआई से जानकारी मिली तब प्रधान का खेल पता चला, सड़क और खडंजा के नाम पर धन निकाला गया है लेकिन कही भी खडंजा या सड़क निर्माण नहीं हुआ है जो भी हुआ है वो पूर्व प्रधान द्वारा करवाया गया है। मनरेगा ,प्रधानमंत्री आवास,जल निकासी , तालाब सुंदरीकरण में तमाम अनियमितताएं है।कुछ कहने पर प्रधान प्रतिनिधि धमकी देते है ।

हर माध्यम से प्रधान राजपति देवी ने बिना कोई की काम किए धन निकाला है। सुधा पांडेय ने आरटीआई से निकले दस्तावेजों के हवाले से ये बाते कही।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

इस विषय पर जब प्रधान से बात करने की कोशिश की गई तो प्रधान ने बात करने से मना कर दिया।

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