करोड़ो रामभक्तो,उनके बलिदानों और 500 साल के संघर्ष का प्रतिफल है 5 अगस्त 2020 - यशकांत सिंह - www.martandprabhat.com
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करोड़ो रामभक्तो,उनके बलिदानों और 500 साल के संघर्ष का प्रतिफल है 5 अगस्त 2020 – यशकांत सिंह

बस्ती :- राम मंदिर की आधार शिला कल 5 अगस्त को मोदी जी द्वारा रखी गई । लाखो राम भक्तो के लिए यह अत्यंत प्रसन्नता का अवसर है ।

इस अवसर पर यशकांत सिंह जो राम मंदिर आंदोलन में शामिल थे पूरे उल्लास के साथ इस पावन अवसर को मनाया।
उन्होंने ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है, 500 वर्षों का कड़ा संघर्ष, लाखों बलिदान का परिणाम है यह सुखद दिवस। मुझे याद है, श्री राम जन्मभूमि आन्दोलन का संकल्प दिवस मोक्षदायिनी मां सरयू के पावन तट पर सम्पन्न हुआ था। यहीं से श्री राम जन्म भूमि आन्दोलन से जुड़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इसी दौरान विश्व हिन्दू परिषद् के आवाह्न पर 30 अक्टूबर 1990 के श्री राम जन्म भूमि कारसेवा की तिथि तय की गई। बजरंग दल के जिला संयोजक के रूप में आवाह्न हेतु कारसेवकों को प्रेरित करने में लग गया।
उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने सितम्बर 1990 में हम सबको राम जन्म भूमि की कारसेवा से पूर्व ही निरूद्व कर जिला कारावास देवरिया भेजा। कुछ दिनों के पश्चात जिला कारावास गोरखपुर में स्थानान्तरित किया गया। 06 दिसम्बर 1992 के कारसेवा आवाह्न में विश्व हिन्दू परिषद के जिला महामंत्री के रूप में कारसेवकों को लेकर अयोध्या गया।

भव्य राम मन्दिर निर्माण का सपना मुझ सहित करोड़ों राम भक्तों के आस्था और विश्वास की पुर्नस्थापना है। इस ऐतिहासिक कार्य के लिए यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी, उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का अभिन्दन। करोड़ों राम भक्तों को हार्दिक शुभकमानाएं।

” इस अवसर पर अपनी भावनायें चन्द स्वरचित पंक्तियों के माध्यम से व्यक्त किया :-
‘‘मेरे राम’’
राम आस है, विश्वास है, चराचर जगत के आभास हैं,
राम चेतना में, वेदना में, अल्फाज में अरदास में,
राम श्वास में, अहसास में, है राम ही हर याद में,
राम भक्ति में, शक्ति में, है व्यक्ति की आसक्ति में
राम धारणा में, साधना में, इस राष्ट्र की अवधारणा में,
राम समदर्श है, आदर्श है, व्यक्ति का उत्कर्ष है।
राम प्रीति में, हर रीति में, है राम ही हर नीति में,
राम प्रेम है, अनुराग है, राम से हर राग है,
राम कर्म है, वो धर्म है, सत्कर्म के प्रतिमान है।
राम मान है, स्वाभिमान है, इस राष्ट्र के अभिमान हैं।

यशकांत सिंह

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