कवि डॉ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’ को ‘काव्यकुल सृजन वीर सम्मान’
बस्ती :- कोरोना संकट काल में ऑन लाइन कवि सम्मेलनों का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में काव्यकुल संस्थान(पंजी.) गाजियाबाद के द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय परमवीर चक्र काव्योत्सव में जनपद के वरिष्ठ कवि डॉ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’ को ‘काव्यकुल सृजन वीर सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
कवि डॉ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’ ने बताया कि काव्योत्सव में भारत, अमेरिका, तंजानिया, रूस,जापान, केन्या,अबूधाबी (संयुक्त अरब अमीरात), दोहा, कतर, कनाडा आदि देशों के 151 रचनाकारों ने देश के 21 परमवीर चक्र विजेताओं पर अपनी रचनाओं का वाचन कर हिंदी साहित्य के इतिहास में इस अनूठी परम्परा को स्थापित कर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया। कार्यक्रम काव्यकुल संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव पाण्डेय की संयोजन में हुआ। अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल वी के चतुर्वेदी थे जिन्हें परम् विशिष्ट सेवा मेडल,अति विशिष्ट सेवा मेडल,सेना मेडल जैसी अनेकों अलंकरणों से सम्मानित किया गया था। उनके साथ सेवानिवृत्त कर्नल कौशल चतुर्वेदी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि विष्णु चतुर्वेदी ने कहा हिन्दी के काव्य सर्जकों द्वारा किया गया यह पुनीत कार्य सेना के मनोबल को बढ़ाने वाला है। सेना के शौर्य पराक्रम त्याग बलिदान को स्मरण कर एक नई परम्परा को जन्म दिया हम सब आभारी है रचनाकारों के जिन्होंने हमारे शौर्य को लेखनी का विषय बनाया।
संस्थान अध्यक्ष डॉ राजीव पाण्डेय ने बताया कि 151 कवियों से प्राप्त रचनाओं के आधार पर एक अभूतपूर्व कालजयी ग्रन्थ का भी प्रकाशन किया जाएगा। इस अन्तर्राष्ट्रीय काव्य महोत्सव में उ. प्र. के बस्ती से डॉ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’ ने परमवीर चक्र से सम्मानित अमर शहीद नायक यदुनाथ सिंह पर अपनी कविता प्रस्तुत किया। जिसे सराहना मिली। उनकी रचना-‘भारत की भूमि है वीरों की, होते रहते अवतार यहाँ पर,लिखते गाथा निज कर्मों से, जिनका गौरव हर युग गाता’’ ने नये स्वर दिये।
डॉ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’ वर्तमान में भारतीय कृषक लघु माध्यमिक विद्यालय जिनवॉ, में प्रधानाचार्य के पद पर सेवारत है और लगातार साहित्य सृजन में रत है।इनकी एक कविता- संग्रह ‘बस! कुआनों बह रही है’ प्रकाशित है।इनका दूसरा काव्य-संग्रह ‘सूने सपने ’ का प्रकाशन शीघ्र ही होने वाला है। डॉ. राजेन्द्र सिंह राही को सम्मानित किये जाने पर साहित्यकार डॉ. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ सत्येन्द्र नाथ ‘मतवाला’, श्याम प्रकाश शर्मा एडवोकेट, डॉ. राममूर्ति चौधरी, रामचंद्र राजा, विनोद उपाध्याय ‘हर्षित’, सागर गोरखपुरी, डॉ. अजीत श्रीवास्तव ‘राज’ जगदम्बा प्रसाद ‘भावुक’, दीपक प्रेमी, हरिकेश प्रजापति आदि ने प्रसन्नता व्यक्त किया है।