कोवीड प्रोटोकाल के उलंघन पर वसूला गया 23.24 लाख का जुर्माना - www.martandprabhat.com
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कोवीड प्रोटोकाल के उलंघन पर वसूला गया 23.24 लाख का जुर्माना

बस्ती : – बचाव एवं रोकथाम के लिए जनपद में शासन द्वारा निर्धारित प्रोटोकाल एवं मार्ग निर्देशों का उल्लंघन करने वालो के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की गयी है। उक्त जानकारी जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने दी है। उन्होने बताया कि लाकडाउन की अवधि में धारा 144 के उल्लघंन करने पर भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अन्तर्गत 712 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। सार्वजनिक स्थान पर मास्क न लगाने पर धारा 15(3) के अन्तर्गत 21293 लोगों से 23.24 लाख रूपया जुर्माना वसूल किया गया है।
उन्होने बताया कि शासन द्वारा जारी गाइडलाईन के अनुसार रात में निषेधाज्ञा लगायी गयी थी। इसका उल्लंघन करने पर धारा 15(4) के अन्तर्गत 4629 लोगों से 7.79 लाख रूपया जुर्माना वसूल किया गया। धारा 15(5) के तहत दो पहिया वाहन पर पिछली सीट पर यात्रा करने पर 3634 लोगों से 9.90 लाख रूपया जुर्माना वसूल किया गया।
उन्होने बताया कि मार्च 2020 में कोरोना प्रारम्भ होने पर इसकी जाॅच के लिए जिले में कोई व्यवस्था नही थी। गोरखपुर मेडिकल कालेज सैम्पल भेजना पड़ता था परन्तु अब जिला अस्पताल तथा बस्ती मेडिकल कालेज के ओपेक कैली अस्पताल में टू्रनेट मशीन स्थापित हो गयी है, जिससे कोरोना वायरस की जाॅच जिले स्तर पर ही हो जाती है।
कोरोना वायरस के मरीजो के इलाज के लिए ओपेक कैली अस्पताल में एल-3 तथा जवाहर नवोदय विद्यालय रूधौली, जयराम उपाध्याय बालिका महाविद्यालय पड़रीबाबू, परसरामपुर तथा सीएचसी मुण्डेरवा, जेल में कोविड अस्पताल स्थापित किया गया है। वर्तमान समय में जिले के अलावा अन्य जिलों सिद्धार्थ नगर, संतकबीर नगर, देवरिया आदि के मरीज भी भर्ती किए जा रहे और इनका इलाज किया जा रहा है। ओपेक कैली अस्पताल में कुल 40 वेन्टीलेटर की व्यवस्था की गयी है ताकि गम्भीर रोगियों का समुचित ईलाज किया जा सके।
उन्होने बताया कि कोविड-19 के मरीजो की सतत् निगरानी के लिए जिले के प्रत्येक गाॅव तथा नगर क्षेत्र के वार्ड में निगरानी समितिया गठित की गयी। प्रत्येक ब्लाक में दो-दो रैपिड रिस्पान्स टीम (आरआरटी) गठित करके सम्भावित कोविड रोगियों का सैम्पल एकत्र किया गया। कोविड-19 का रोगी मिलने के कारण क्षेत्र को कन्टेनमेन्ट जोन बनाते हुए आवागमन प्रतिबन्धित किया गया तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की गयी।
कोविड-19 के कारण लाकडाउन की अवधि में टेªन, बस एवं अन्स सवारियों से जिले में आने वाले लोगों का रेलवे स्टेशन तथा घघौआ पुलिस चैकी हर्रैया में उनका विवरण कम्प्यूटर में दर्ज करते हुए जाॅच की गयी। अन्य जिलों के प्रवासी कामगारों को परिवहन निगम की बसों से उनके गृह जनपदों को भेजा गया। अपने जनपद के लोगों को खाद्यान्न किट देते हुए होम आईसोलेशन एवं संस्थागत आईसोलेशन में रखा गया।
उन्होने बताया कि वर्तमान समय में विकास भवन में एकीकृत कोविड कमाण्ड एवं कंट्रोल सेण्टर स्थापित किया गया है। इसमें अस्पतालों में भर्ती तथा घरों में आईसोलेट मरीजो से प्रतिदिन दूरभाष के द्वारा सम्पर्क कर उनका हाल-चाल लिया जाता है तथा किसी प्रकार की समस्या बताने पर उसका निदान कराया जाता है। इसके अलावा मान्सिक स्वास्थ्य टीम द्वारा मरीजों की काउन्सलिंग भी की जाती है। साथ ही कोविड-19 के मरीजों के हाई रिस्क एवं लो रिस्क कान्टेक्ट का टेªसिंग की मानीटरिंग भी करायी जाती है।
उन्होने बताया कि लाकडाउन के दौरान जिले में आये प्रवासी कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ग्राम विकास, कृषि, उद्यान, मत्स्य, निर्माण कार्यदायी संस्थाओं, कौशल विकास मिशन, आरसेटी तथा बैंको से समन्वय स्थापित कर कार्यवाही की गयी है। गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 3.34 करोड़ रूपये के द्वारा 120 दिन के अभियान में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। विभिन्न योजनओं में अभी तक 16733 परियोजनाओं के सापेक्ष 15096 परियोजनाए पूरी करते हुए लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
उन्होने बताया कि जिले में कुल 1204 गाॅव में 50474 प्रवासी कामगार आये है। इन सभी 1204 गाॅवों में मनरेगा का कार्य चल रहा है तथा 36278 कामगारों को काम उपलब्ध कराया गया है। इसके पूर्व 26643 कामगारों को नवीन जाब कार्ड उपलब्ध कराया गया है।

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