गौशाला में गबन 50 लाख के घोटाले का आरोप
बस्ती :- प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट गोआश्रय स्थल जनपद में भ्रष्टाचार की भेंट चढ गया है। जिम्मेदार पशुओ के चारे से लेकर पशुओ के गोबर से तैयार होने वाले कम्पोस्ट खाद तक में हेराफेरी करने से बाज नही आ रहे।
आकडों पर गौर करे तो महज कम्पोस्ट खाद से ही लाखों के वारे न्यारे का मामला उजागर हो सकता है। यह स्थिति तो महज एक नगर पंचायत के गोआश्रय स्थल की है। अगर कहीं प्रदेश की बात करे तो अब तक करोडो की खाद मिट्टी में समाहित हो चुकी है।
जनपद के नगर पंचायत रूधौली में स्थित गोआश्रय स्थल में भी कुछ ऐसी खामिया उजागर हो रही है। जहां लाखों के रूपयो के कम्पोस्ट खाद का कोई लेखा जोखा नही है। सूत्रो की माने तो पशुओ के गोबर से बनने वाले कम्पोस्ट खाद में लगभग पचास लाख रूपये के घोटाले की बू आ रही है। विगत तीन वर्षो से बने गोआश्रय स्थल के कम्पोस्ट खाद के बिक्री का कोई लेखा जोखा नगर पंचायत एवं व्यवस्था से जुडे जिम्मेदारो के पास नही है।
सूत्रों के आंकडों पर गौर करे तो इस गोआश्रय स्थल में वर्तमान में 135 गोवंशीय पशु है। इन पशुओ से रोजाना लगभग पांच ट्राली कम्पोस्ट खाद तैयार होता है। कम्पोस्ट खाद के एक ट्राली का मूल्य 950 रूपये नगर पंचायत द्वारा निर्धारित है। यानि रोजाना गोआश्रय स्थल पर लगभग पांच ट्राली कम्पोस्ट जिसकी कीमत लगभग पांच हजार रूपये की तैयार होे रही है। इस तरह एक माह का देखे तो लगभग एक लाख पचास हजार और वार्षिक 18 लाख रुपये का कम्पोस्ट खाद तैयार हो रहा है। पिछले तीन वर्षों में लगभग पचास लाख रूपये की कम्पोस्ट खाद का घोटाला सामने आ रहा है।
सूत्रो की माने तो अब तक कम्पोस्ट खाद की बिक्री का कोई भी लेखा जोखा जिम्मेदारो के पास नही है। तीन वर्षों में वर्ष 2017 से 2019 के मध्य तक इसका कार्य मायाराम पाठक देख रहे थे। उसके बाद सेवर्तमान में अब तक यह कार्य प्रेम प्रकाश पटेल देख रहे है।